उज्जैनदेवासभोपालमध्य प्रदेश

महापौर उनके ही लोगोंं को ठेका दिलवाते हैं , नही मिला चेहते को तो करवा दिया निरस्त , परिरषद की बैठक में पार्षद का आरोप


देवास। निगम परिषद की बैठक में कई सवालों को लेकर जहां पिछले दिनों से विवाद बने हुए थे, उसी के चलते सोमवार को अंतिम बैठक संपन्न हुई। वहीं इस बैठक में मौजूद सभी पार्षदों का कहना था की पिछले पांच वर्ष से कई कार्य अब तक पूरे नहीं हो पाए हैं वहीं कई ऐसे वार्ड हैं जहां पर नाले-नालियों का कार्य अब तक अधूरा ही है। जिसके कारण अब इन पार्षदों से सवाल वहां के रहवासी कर रहे हैं। निगम की इस परिषद का कार्यकाल अंतिम दौर पर आ गया है, आगामी कुछ ही माहों में नगरीय निकाय चुनाव संपन्न होना है। उससे पहले लगभग प्रत्येक पार्षद की चाह यह बनी हुई है की उनके वार्ड का कार्य जल्द ही पूर्ण हो जाए ताकि अगामी चुनाव में वह मतदाताओं के समक्ष बता सकें की उनके कार्यकाल में उन्होनें कितना कार्य किया है। इस प्रकार की बातों को लेकर निगम परिषद की बैठक संपन्न हुई। सोमवार को हुई बैठक में कई प्रकार की बहस भी हुई जिसके कारण प्रश्रकाल के कुछ प्रश्र बच गए जिसके लिए बचे सवालों के जवाब पत्रों के माध्यम से दिए जाऐंगे।
निगम परिषद की बैठक में विवाद न हो ऐसा कभी मुमकिन नहीं होता है। सोमवार को हुई परिषद की अंतिम बैठक में कई विवादों के बीच प्रश्रकाल हुए जिसके चलते सभापति असंार एहमद ने भी कई प्रश्रों को लेकर अधिकारियों पर नाराजगी प्रकट की। इस बैठक में खासकर सभी पार्षदो की चाह सिर्फ उनके वार्डों में बचे कार्य को पूरा करने की बात पार्षदों ने कही। वहीं बैठक के दौरान सत्तापक्ष नेता मनीष सेन ने निगमायुक्त से पूछा की सुभाष चौक स्थित चौकी जो निर्माणाधीन है उसे बनाने की अनुमति निगम से ली गई है या नहीं। जिसके जवाब पर निगमायुक्त संजना जैन तो पहले मना कर दिया और तत्काल ही इस मामले को लेकर अधिकारी कैलाश चौधरी से जवाब मांगा तो उन्होनें भी स्पष्ट रूप से कहा की इसकी कोई अनुमति हमारे पास नहीं ली गई है। वहीं अध्यक्ष अंसार एहमद ने उनके एक सवाल के लिए सचिव रविकांत मिश्रा को दो बार कहा लेकिन उन्होनें सुना नहीं जिस पर सभापति ने कह दिया की नींद में रहते हो क्या ? वहीं समय के अभाव के कारण बाकी बचे प्रश्रों पर अध्यक्ष ने कह दिया की पत्रों के माध्यम से सवालों के जवाब मंगा लिए जाएंगे।
पांच वर्ष से निर्माण अधूरा
पार्षद शांता ठाकुर ने बैठक के दौरान प्रश्रकाल में कहा की पिछले पांच वर्ष से उनके वार्ड में निर्माण कार्य अधूरे बने हुए है। निर्माण कार्य को लेकर कई बार टेण्डर निकाले गए लेकिन समय पर कार्य आरंभ नहीं हुए। वहीं वर्षा काल के बाद से नाले-नालियों का निर्माण कार्य उनके वार्ड में अधूरा ही बना हुआ है, जिसको लेकर उन्होनें यहां तक कह दिया की अधिकारियों का कार्य नहीं करना है तो डूब मरें चिल्लू भर पानी में, जिस पर मौजूद अधिकारी सिर्फ किलकारी लेकर हंसते हुए नजर आए।
रोप-वे का किराया कम किया जाए
चामुण्डा माता टेकरी पर खासकर असहाय लोगों के लिए रोप-वे का निर्माण किया गया था, लेकिन इसका किराया पिछले दो वर्षों में जीएसटी चार्ज के साथ 126 रूपए कर दिया गया है। वहीं इस संबंध में सत्तापक्ष नेता मनीष सेन ने कहा की इतना किराया न तो पावागढ़ माताजी पर है न ही कहीं और है। लेकिन देवास टेकरी पर रोप-वे से जाने का किराया पिछले दो वर्षो में अधिक हो गया है। वहीं पार्षद विनय सांगते ने कहा की पूर्व में महापौर व एमआईसी सदस्यों ने रोप-वे का किराया बढ़ाने को लेकर बैठक की थी, लेकिन इसका संकल्प परिषद के सामने नहीं रखा गया। जिस पर निगम अध्यक्ष ने कहा की सत्ता व विपक्षीय पार्षद इस मामले को लेकर आपस में तय कर लें की किराया कितना होना चाहिए। वहीं सत्तापक्ष नेता मनीष सेन ने कहा की नियमानुसार जीएसटी चार्ज को जोडऩे के साथ पूर्व किराया का 10 प्रतिशत चार्ज बढऩा चाहिए था, लेकिन वर्तमान चार्ज अधिक है जो श्रद्धालुओं के लिए अधिक दिखाई देता है। वहीं इस बात पर सहमती जताई की इसका चार्ज लगभग 93 रूपए जीएसटी चार्ज के साथ ही रह सकता है।
तीन अधिकारी बाहर तो यहां…
पार्षद इरफान शेख ने सवालों के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए कहा की उनका पिछली बैठक में भी सवाल अधूरा रहा उन्होनें बताया की निगम में तीन अधिकारी उपायुक्त आरके श्रीवास्तव, पियूष भार्गव व परियोजना अधिकारी कैलाश चौधरी यह लोग मुख्यालय छोड़कर इंदौर और उज्जैन रह रहे हैं और वाहनों का उपयोग भी निगम का करते हैं, जिस पर सवालों का जवाब देते हुए उपायुक्त श्रीवास्तव ने कहा की उनका स्वास्थ्य खराब रहता है, पूर्व आयुक्त विशाल सिंह ने उन्हें कहा था की आप इंदौर से देवास आना-जाना कर सकते हैं यहां आकर अपना कार्य भी कर सकते है, फिल्ड का कार्य उनके पास नहीं होता इसलिए वह इंदौर से प्रतिदिन आते व जाते हैं। वहीं परियोजना अधिकारी कैलाश चौधरी ने कहा की वह इंदौर से ही आते हैं। जिस पर निगमायुक्त संजना जैन ने कहा की नियमानुसार 8 किमी का दायरा बना हुआ है, उसके बावजूद अधिकारी 30 किमी की प्रतिदिन की यात्रा कर यहां कार्यस्थल पर आ रहे हैं जो की गलत निर्णय है। वहीं कैलाश चौधरी के स्थानांतरण को लेकर भी बहस हुई जिसको लेकर निगमायुक्त संजना जैन ने कहा की पूर्व के बिल पेंडिग है जैसे ही पेंडिग बिलों का हिसाब होगा कैलाश चौधरी को तत्काल रिलीव कर दिया जाएगा।
महापौर के ही होते है ठेकेदार
पार्षद वंदना पांडे ने आरोप लगाते हुए कहा की उनके वार्ड में दो वर्ष से सड़क निर्माण का कार्य सिवरजे योजना के लिए रूका हुआ है, जिसके दो बाद टेण्डर निरस्त हो चुके है। जिसका जवाब देते हुए कार्यपालन यंत्री जितेन्द्र सिसोदिया ने कहा की वहां पर पहले सिवरजे की लाइन डाली जानी है उसके बाद ही संपूर्ण कार्य हो पाएगा। वहीं वंदना पांडे ने आरोप लगाते हुए कहा की असल बात तो यह है की महापौर उनके ही लोगोंं को ठेका दिलवाते हैं पहले किसी शर्मा का टेण्डर था, लेकिन रोहित हाड़ा, मनीष अग्रवाल को ठेका नहीं मिला तो शर्मा का ठेका निरस्त कर दिया गया, और निगम अधिकारी बहाना बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे, वहीं निगम में निर्माण कार्यो के ठेके रोहित हाड़ा और मनीष अग्रवाल को ही मिले यह महापौर भी चाहते हैं और दूसरों के टेण्डर निरस्त कर दते हैं। जिसके कारण क्षेत्र में निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा है।