उज्जैनदेवासभोपालमध्य प्रदेश

निगम परिषद का विशेष सम्मेलन हुआ वाद-विवाद के बाद संपन्न निगम अधिकारियों पर रही सभी पार्षदों की नाराजगी, निंदा प्रस्ताव किया पारित संपत्तिकर को लेकर अधिकारियों पर उठे सवाल, भ्रष्टाचार के लगे आरोप


निगम परिषद का विशेष सम्मेलन हुआ वाद-विवाद के बाद संपन्न
निगम अधिकारियों पर रही सभी पार्षदों की नाराजगी, निंदा प्रस्ताव किया पारित
संपत्तिकर को लेकर अधिकारियों पर उठे सवाल, भ्रष्टाचार के लगे आरोप
देवास।
निगम ने विशेष सम्मेलन बुलाया इस बैठक में जहां शहरी विकास को लेकर चर्चा की जानी थी, जिसको लेकर दोनों पक्षों के बीच जमकर बहस बाजी हुई। वही पिछली बैठक में ईई को बाहर रखने की बात कही गई थी। जिसको लेकर काफी देर तक हंगामा बना रहा। निगम में जहां विकास की चर्चा होनी थी वह तो दूर की बात रही, लेकिन एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप जारी रहा। काफी देर के बाद विशेष सम्मेलन के विषय को लेकर चर्चा की गई।
निगम में मंगलवार को विशेष सम्मेलन आयोजित किया गया, सम्मेलन को लेकर सोमवार शाम को विधायक निवास पर बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें सम्मेलन को लेकर विचार विमर्श किया गया था। मंगलवार को जैसे ही सम्मेलन प्रारंभ हुई वैसे ही पार्षद शांता ठाकुर ने महापौर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले साढ़े चार वर्षों में उनके वार्ड में किसी भी प्रकार का विकास नहीं किया गया। इसके बाद ईई हनीफ शेख का भाजपा पार्षद दल ने विरोध किया जिस पर कांग्रेस पार्षद दल ने कहा कि वह क्यों जाए और दोनों दलों के बीच जमकर विवाद हो गया। वहीं उसके बाद विकास कार्य को लेकर दोनों दल आमने-सामने हो गए। सम्मेलन के विषय को लेकर काफी देर बाद चर्चा प्रारंभ हुई। मंगलवार को निगम परिषद की बैठक में निगम के समस्त विभागीय अधिकारियों की गलती पार्षद दल व महापौर ने निकाली महापौर ने कहा की हमारी सरकार तो नहीं है वहीं हमारा पूरे कार्य का समय भी अब खत्म हो चला है। आप लोगों को ध्यान रखना होगा ्रशहर में विकास कार्य ठप्प है, कार्य नहीं होने की दशा में वार्डों में पार्षदों पर सवाल खड़े हो रहे हैं, अब आपको ही लोगों की समस्या का निराकरण करना होगा। वहीं पूर्व से रूके विकास कार्य को लेकर पार्षद शांता ठाकुर ने भी कहा की साढे चार वर्ष में किसी प्रकार से कोई विकास कार्य नहीं किया गया। जब भी महापौर को कहा तो उन्होनें कहा था की कार्य होंगे लेकिन कार्य नहीं होने पर हालात जस के तस ही बने हुए है। वही पार्षद दिलीप बांगर ने कहा कि मंगलवार होने के चलते वह नहीं आते किंतु उनके पार्षद साथियों के निवेदन पर वह यहां पर आए है। निगम अधिकारी काम करना नहीं चाहते, निगमायुक्त के निर्देशों की अवहेलना की जा रही है। निगम में अधिकारी जिम्मेदारी से कार्य नहीं कर रहे है। पिछले वर्ष 14 करोड़ रुपयों की आवक हुई थी, जो इस वर्ष 7 करोड़ रुपयों की हुई है, यह निगम की स्थिति अच्छी नहीं है।
विकास कार्य को लेकर निगमायुक्त संजना जैन ने कहा कि किसी भी कार्य को करने के लिये एनओसी स्वीकृति को लेकर ज्यादा समय नहीं लगना चाहिए। अगर विकास कार्य को लेकर एनओसी विभाग द्वारा समय पर नही दी जाएगी तो विकास समय पर कैसे पूरा होगा। वही निगम की वसूली पर उन्होंने कहा कि प्रतिदिन 10 लाख की वसूली करने होगी जिस दिन वसूली नहीं हुई उस दिन का भुगतान कर्मचारी को नहीं दिया जाएगा।
संपत्तिकर को लेकर अधिकारी पर लगा प्रश्रचिन्ह
एक और जहां निगम की आर्थिक मंदी को लेकर प्रश्चचिन्ह अंकित हो रहे थे, वहीं पार्षद दिलीप बांगर ने इस विषय पर कहा की शहर की औद्योगिक ईकाइयों से संपत्तिकर की वसूली नहीं की जा रही है जिसके कारण निगम को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं कई औद्योगिक ईकाइयां ऐसी हैं जहां पर निगम के विभागीय अधिकारी पहुंच रहे है लेकिन वसूली कार्य नहीं कर रहे हैं। इस विषय को लेकर भाजपा पार्षद दल ने आरोप भी लगाया की शुभ लाभ के लालच में विभागीय अधिकारी कार्य नहीं करते जिसके कारण निगम की आर्थिक हालात दयनीय है। वहीं निगम अध्यक्ष ने आरोप लगाया की संपत्तिकर विभाग नियमानुसार वसूली नहीं कर रहा है। जो वसूली की जा रही है वह भी अवैध तरीके से की जा रही है। हांलाकि उन्होनें कहा की उनके पास इसके दस्तावेज उपलब्ध है की निगम में नियम के तहत वसूली नहीं की जा रही है। वहीं कई ऐसी कंपनियां है जहां पर निगम वसूली करने भी नहीं जा रहा है। वहीं औद्योगिक क्षेत्र में मौजूद परख इंडस्ट्रीज की जांच करने की बात कही गई है। जिस पर निगमायुक्त संजना जैन ने कहा है की वह खुद वहां जाकर निरीक्षण करेंगी। अगर अवैध पाया जाता है तो वह त्वरित कार्रवाई करेंगी।
निंदा प्रस्ताव भी हुए पारित
मंगलवार को इस परिषद की अंतिम बैठक रही थी, जिसमें वाद-विवाद के बीच बैठक बनी रही। वहीं बैठक के चलते कांग्रेस व भाजपा पार्षद दलों के बीच गहरी खींचतान भी रही। इसी बीच अंतिम में निंदा प्रस्ताव भी पारित किए गए जिसमें निगम सत्तापक्ष नेता नेता ने निगम अधिकारी पीयूष भार्गव व उपयंत्री जगदीश वर्मा के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया जिसका सभी ने समर्थन किया। वहीं निगम अधिकारियों को लेकर सभी पार्षदों का कहना था की इस परिषद में उन्होनें मनमर्जी का कार्य किया है व निगम में भ्रष्टाचार भी किया है। जिसकी नियमानुसार जांच होनी चाहिए।