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सरकार की गुलामी में मर्यादा भूले अधिकारी जिला योजना समिति की बैठक में किया जनप्रतिनिधियों का अपमान

सरकार की गुलामी में मर्यादा भूले अधिकारी
जिला योजना समिति की बैठक में किया जनप्रतिनिधियों का अपमान
जियोस की बैठक बनी राजनीतिक अखाड़ा
सांसद व शहर कांग्रेस अध्यक्ष का हुआ जमकर विवाद
अमित बागलीकर
देवास।
देश में जब से कांग्रेस की सरकार बनी है, तभी से अधिकारी लगातार विकास के मुद्दों को छोड़ सत्ता की गुलामी कर रहे हैं। मंगलवार को जिला योजना समिति की बैठक में सांसद के साथ जिस तरह का व्यवहार हुआ, वह अशोभनीय, आपत्तिजनक और निंदनीय है। अधिकारियों को एक सांसद के प्रोटोकॉल का ध्यान रखना चाहिए। यह बात मंगलवार को जियोस की बैठक में सांसद के साथ हुए आपत्तिजनक व्यवहार शहर सहित प्रदेश में चर्चा का विषय बना रहा।
जिला योजना समिति जहां पर संपूर्ण जिले के विकास को लेकर बैठक आयोजित की जाती है। इस बैठक में जिले के समस्त अधिकारियों सहित जिला प्रभारी मंत्री के साथ-साथ विधायक व जनप्रतिनिधि मौजूद रहते हैं। इन सभी की मौजूदगी में जिले के विकास को लेकर चर्चा की जाती है। लेकिन यहां पर विकास की बात तो दूर की कौड़ी हो गई। यहां पर जनप्रतिनिधि महज कुर्सी के लिए विवाद कर बैठे जो जनचर्चा का विषय होकर रह गया। इस तरह से जब जनप्रतिनिधि एक दूसरे पर प्रहार करते देखे जाएंगे तो कैसे जिले का विकास संभव हो पाएगा। ऐसे ही सांसद व मंत्री प्रतिनिधि को मंगलवार को बैठक के दौरान देखा गया जहां पर जिले का विकास तो दूर अपनी कुर्सी के लिए एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते रहे। ऐसे जनप्रतिनिधि कैसे आम लोगों के लिए कार्य करेंगे यह सोचनीय बन गया है।
जिला योजना समिति इसलिए बनाई गई है की ताकि जिले का विकास हो सके और जनप्रतिनिधि आम लोगों के हित की सोच सके। किंतु बड़े ही दुर्भाग्य की बात है की इस समिति में जो सदस्य है वही आपस में सिर्फ कुर्सी के लिए मतभेद कर बैठे जिस पर वहां पर बैठे अधिकारी चुप्पी साध कर सिर्फ देखते ही रहे। मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय में जिला योजना समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें जैसे ही सांसद महेन्द्र सिंह सोलंकी उपस्थित हुए उन्होनें आते ही कहा की वह बीच में मंत्री जीतू पटवारी के पास बैठेंगे। जिस पर मनोज राजानी व सांसद के बीच तीखी नोंक झोंक हो गई। बात इतनी बढ़ गई की दोनों एक दूसरे पर व्यक्तिगत प्रहार तक कर डाले और मौजूद अधिकारियों व मीडिया के सामने जमकर विवाद हो गया। वहीं इतना सब कुछ होने के बाद कांग्रेस पार्टी केे समर्थकों ने सांसद को काले झंडे तक दिखाए और जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान भाजपा-कांगे्रस कार्यकर्ताओं में जमकर विवाद हुआ लेकिन मौजूद पुलिस अधिकारी व प्रशासनिक अमला सबकुछ होता देखता रहा।
ऐसे हुआ था विवाद
जिला योजना समिति की बैठक चालू होते ही भाजपा सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी आए तो उनका कहना था कि मेरी कुर्सी प्रोटोकॉल के हिसाब से नहीं लगी है। मैं प्रभारी मंत्री के पास ही बैठूंगा। इसके बाद उनकी कुर्सी मंत्री के पास लगाई गई। मंत्री पटवारी के पास कांग्रेस शहर अध्यक्ष मनोज राजानी भी बैठे हुए थे। सांसद ने कुछ दिन पहले राजानी की गंगा इंडस्ट्रीज पर अवैध निर्माण की शिकायत कलेक्टर से की थी। वहां कार्रवाई नहीं होने पर बैठक में इस मुद्दे को लेकर सांसद ने कलेक्टर को घेरा। इस पर राजानी बिफर गए और सांसद पर व्यक्तिगत मामला बीच में लाने का आरोप लगाया। गहमागहमी में वहां बैठे भाजपा-कांग्रेस प्रतिनिधि भी चिल्लाने लगे।
सांसद का सामान्य ज्ञान बढ़ाए
मंत्री जीतू पटवारी ने कहा की सभी को अपने पद की गरीमा रखनी चाहिए। यहां पर जो भी चर्चा हुई है वह मीडिया के जरीए बाहर जाती है यह अच्छी बात नहीं है। उन्होनें कहा की अगर हमारी समझ इतनी कम है, सांसद हम मोदी की लहर में बन गए पर अपना व्यक्तित्व बनाना चाहिए। वहीं मंत्री की बात काटते हुए सांसद ने कहा की यह प्रमाण पत्र आपको देने के लिए यूं ही नहीं बनाया है जनता ने चुना है, उसका प्रमाण है, वहीं मंत्री ने मौजूद विधायक को कहा की यह तरीका इनका अच्छा नहीं है। इनको जरा सामान्य ज्ञान बांटिए।
बचपन से जानते हैं
मनोज राजानी और सांसद की तीखी बहस बाजी इतनी बढ़ गई की दोनों व्यक्तिगत रूप से एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने लग गए। सांसद महेन्द्र सिंह सोलंकी ने गंगा इण्ड्रस्टीज को लेकर आरोप लगा दिए जिस पर मनोज राजानी ने कहा की गंगा इण्ड्रस्टीज का मालिक हूं यह बच्चा-बच्चा जानता है। जिस पर महेन्द्र सिंह सोलंकी ने कहा की यह तो आप चीख-चीखकर कह रहे है। मनोज राजानी ने कहा की दुनिया जानती है तुमको तो अभी छ: महिने नहीं हुए हैं यहां पर आए हुए। जो लोग पैदा हुए वह बचपन से मुझे जानते हैं। वहीं कटाक्ष करते हुए महेन्द्र सिंह सोलंकी ने कहा की मैं भी यहीं देवास ही पैदा हुआ हूं। वहीं मनोज राजानी ने विधायक श्रीमती गायत्री राजे को सांसद की बात को लेकर कहा की यह फालतू बात नहीं होनी चाहिए।
व्यक्तिगत रूप से अपमान किया
मंत्री जीतू पटवारी ने कहा की सांसद एक जनप्रतिनिधि है उसने व्यक्तिगत रूप से मेरा अपमान किया है। उन्होनें साफ तौर पर कहा की इसका सबक इसको सही समय पर दिखाना है। मेरा आप सब से हाथ जोड़कर प्रार्थना है। इसके बाद सभी मीडियाकर्मीयों को बैठक से बाहर कर दिया गया।
प्रोटोकॉल का ध्यान रखें अधिकारी
विधायक गायत्रीराजे पवार ने कहा कि मंगलवार को जिस तरह कांग्रेस कार्यकर्ताओं का बर्ताव था वह भी अशोभनीय था। जिला कलेक्टर कार्यालय में इस तरह जनता द्वारा भारी बहुमत देकर संसद में भेजे गए जनप्रतिनिधि के लिए अपमानजनक व्यवहार असहनीय है। अधिकारी सांसद के प्रोटोकॉल का ध्यान न रखते हुए सिर्फ सरकार की गुलामी में लगे हैं। राजगढ़ की घटना के बाद देवास में अधिकारियों द्वारा किए गए इस तरह के बर्ताव को भाजपा कार्यकर्ता बर्दाश्त नहीं करेंगे। प्रदेश की सरकार विकास के मुद्दे पर गंभीर नहीं है और अपनी असफलता से ध्यान भटकाने के लिए लगातार भाजपा कार्यकर्ताओं को टार्गेट किया जा रहा है।
दलगत भावना से उठकर जिले के विकास की बात हो :- मंत्री पटवारी
जिले के प्रभारी व प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी की अध्यक्षता में मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में जिला योजना समिति की बैठक सम्पन्न हुई। प्रभारी मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि जिला योजना समिति की बैठक में सभी जनप्रतिनिधिगण हमारे लिए एक परिवार की तरह हैं। जिला योजना समिति जिले के विकास से संबंधित कार्यों पर चर्चा का मंच है। इस मंच पर सभी जनप्रतिनिधियों को मिलजुलकर जिले के विकास के लिए दलगत भावना से उठकर बात करनी चाहिए। बैठक में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन तथा अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग अंतर्गत अत्याचार निवारण अधिनियम से संबंधित गतिविधियों एवं कार्यों की विस्तार से समीक्षा की गई।
सरकार की गुलामी में मर्यादा भूले अधिकारी: पाटीदार
प्रदेश में जब से कांग्रेस की सरकार बनी है, तभी से अधिकारी लगातार विकास के मुद्दों को छोड़ सत्ता की गुलामी कर रहे हैं। मंगलवार को जिला योजना समिति की बैठक में सांसद के साथ जिस तरह का व्यवहार हुआ, वह अशोभनीय, आपत्तिजनक और निंदनीय है। अधिकारियों को एक सांसद के प्रोटोकॉल का ध्यान रखना चाहिए। यह बात मंगलवार को जियोस की बैठक में सांसद के साथ हुए आपत्तिजनक व्यवहार के बाद भाजपा जिलाध्यक्ष नंदकिशोर पाटीदार ने कही। पाटीदार ने कहा कि क्षेत्र के किसी भी प्रकार के विकास की बात जियोस की बैठक में रखना सांसद का दायित्व है और प्रभारी मंत्री का कर्तव्य है कि वे सांसद की हर बात का संतोषप्रद जवाब दें। परन्तु मंत्री सत्ता के नशे में इतने मस्त हैं कि वे सांसद को कह रहे हैं कि आपको बाहर कर दूंगा। पाटीदार ने कहा कि कोई प्रतिनिधि अपने क्षेत्र की समस्या या सुझाव बैठक में रख सकते हैं, लेकिन उनका अधिकार कितना है, यह कलेक्टर को ध्यान रखना चाहिए। मुझे लगता है कि अधिकारी सारी मर्यादा छोड़कर सरकार की गुलामी कर रहे हैं, जो अशोभनीय और निंदनीय है। श्री पाटीदार ने कहा कि संविधान का अपमान करने वाले कांग्रेस नेताओं को जनता करारा जवाब देगी।