जो अगणित लघु दीप हमारे, तूफ़ानों में एक किनारे, जल-जलाकर बुझ गए किसी दिन, मांगा नहीं स्नेह मुँह खोल। कलम, आज उनकी जय बोल। पीकर जिनकी लाल शिखाएं
Read Moreसाजन! होली आई है! सुख से हँसना जी भर गाना मस्ती से मन को बहलाना पर्व हो गया आज- साजन ! होली आई है! हँसाने हमको आई है! साजन! होली आई है! इसी
Read More(1) चाह मिटी, चिंता मिटी मनवा बेपरवाह। जिसको कुछ नहीं चाहिए वह शहनशाह॥ (2) माटी कहे कुम्हार से, तु क्या रौंदे मोय। एक दिन ऐसा आएगा, मैं रौंदूगी
Read Moreकिए चरित पावन परम प्राकृत नर अनूरूप।। जथा अनेक वेष धरि नृत्य करइ नट कोइ । सोइ सोइ भाव दिखावअइ आपनु होइ न सोइ ।। तुलसीदास की मान्यता है कि निर्गुण ब
Read Moreयहाँ कोकिला नहीं, काग हैं, शोर मचाते, काले काले कीट, भ्रमर का भ्रम उपजाते। कलियाँ भी अधखिली, मिली हैं कंटक-कुल से, वे पौधे, व पुष्प शुष्क हैं अथव
Read Moreलोकतन्त्र का पर्व आ गया नेता अब निर्वाचित होंगे, मक्कारों की पौ बारह है अवसरवादी सम्मानित होंगे।। जाति, प्रान्त, भाषा और मजहब अब भी चुनाव में
Read Moreख्वाब कोई फिर हँसी दिल में सजा लूँ सोचता है दिल उसे अपना बना लूँ बीत जायेगी अमावस रात काली नज़्म आ इक प्यार की भी गुनगुना लूँ आ गया मौसम सुहाना
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