परिवहन विमान 5-10 टन की क्षमता का होगा। यह काफी आधुनिक तकनीक से युक्त विमान है। परिवहन विमान निर्माण परियोजना में आत्मनिर्भरता की दिशा में देश के प्रयासों में एक और मील का पत्थर साबित होगी।
पहली बार यूरोप से बाहर बन रहा सैन्य परिवहन विमान सी-295 भारतीय वायुसेना में एवरो एयरक्राफ्ट की जगह लेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वड़ोदरा में परिवहन विमान निर्माण प्लांट की नींव रखी। इस विमान के वायुसेना के बेड़े में शामिल होने के बाद भारतीय वायुसेना की ताकत और बढ़ जाएगी।
सी 295 विमान का उपयोग नागरिक उद्देश्यों के लिए भी हो सकेगा। 22,000 करोड़ रुपये की लागत वाली यह परियोजना अपनी तरह की पहली परियोजना है, जिसमें भारत में निजी कंपनियों, एयरबस डिफेंस और टाटा कंसोर्टियम द्वारा सी 295 परिवहन विमान का निर्माण किया जाएगा। देश में 40 विमानों का निर्माण किया जाएगा।
पिछले साल सितंबर में सुरक्षा संबंधी कैबिनेट कमेटी ने एयरबस डिफेंस एंड स्पेस एसए से 56 सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्रॅाफ्ट की खरीद को मंजूरी दी थी। 16 विमान बनकर आएंगे जबकि 40 विमान वडोदरा में एयरबस डिफेंस और टाटा कंसोर्टियम द्वारा निर्मित किए जाएंगे। ये सभी 56 परिवहन विमान स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से लैस होंगे। बतादें कि एवरो एयरक्राफ्ट काफी पुराना हो चुका है और इसे बदलने की भी जरूरत थी। भारत अब उन दर्जन भर देशों में शामिल हो जाएगा जो सैन्य परिवहन विमान खुद बना रहे हैं।
क्यों होगा खास
● परिवहन विमान 5-10 टन की क्षमता का होगा। यह काफी आधुनिक तकनीक से युक्त विमान है। परिवहन विमान निर्माण परियोजना में आत्मनिर्भरता की दिशा में देश के प्रयासों में एक और मील का पत्थर साबित होगी।
● वायुसेना की परिवहन क्षमता को बढ़ाने के लिहाज से परिवहन विमान निर्माण कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इससे सैन्य ताकत बढ़ने के साथ ही राहत व बचाव अभियानों में भी काफी सहूलियत होगी।
● सैन्य परिवहन विमान निर्माण वाले दुनिया के दर्जन भर देशों में शामिल हो जाएगा भारत
● पहली बार यूरोप से बाहर हो रहा मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का निर्माण