उज्जैन l उज्जैन स्थित कालिदास अकादमी के संकुल हॉल में 31 मई 2025 को लोकमाता अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी जन्म समारोह का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में समाज के विभिन्न वर्गों के अनेक गणमान्य नागरिक एवं समाजजन ससम्मान उपस्थित रहे।
समारोह का शुभारंभ पारंपरिक दीप प्रज्वलन के साथ किया गया, जो भारतीय संस्कृति की शाश्वत परंपरा का प्रतीक है।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता गिरीश भालेराव ने लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के आदर्श जीवन, समाज सुधार, नारी सशक्तिकरण और लोकसेवा कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि अहिल्याबाई होलकर का जन्म महाराष्ट्र में हुआ था, और वे मालवा की महान शासिका बनीं। उन्हें ‘पुण्यश्लोक’ की उपाधि प्राप्त हुई तथा भारत के अनेक संतों ने उन्हें ‘लोकमाता’ की संज्ञा दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता उज्जैन की सीएसपी दीपिका शिंदे ने की। उन्होंने अपने उद्बोधन में अहिल्याबाई होलकर के प्रशासनिक कौशल, नारी सम्मान एवं उनके प्रेरणादायी कार्यों को स्मरण किया।
गत वर्ष समिति द्वारा किए गए कार्यक्रमों की जानकारी समिति सदस्य शैलेश त्रिपाठी द्वारा दी गई। उन्होंने समिति की गतिविधियों और सामाजिक प्रयासों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में निमिषा किलेदार द्वारा लोकमाता अहिल्याबाई होलकर पर आधारित एक भावपूर्ण गायन प्रस्तुति दी गई, जिसने उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मुख्य वक्तव्य में गिरीश भालेराव ने यह भी बताया कि अहिल्याबाई होलकर ने 500 चुनी हुई महिलाओं की एक सशक्त स्वयंसेवी सेना का गठन किया था, जो उस समय नारी-सशक्तिकरण का एक ऐतिहासिक उदाहरण था। उनके द्वारा बनवाए गए मंदिर, घाट, धर्मशालाएँ और अन्य लोकहितकारी निर्माण आज भी उनकी दूरदृष्टि और सेवा भावना के जीवंत प्रतीक हैं।
कार्यक्रम का उद्देश्य लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के जीवन मूल्यों और विचारों को समाज के विभिन्न वर्गों तक पहुँचाना और युवाओं को उनके जीवन से प्रेरणा देना था।
समारोह का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें सभी आमंत्रित अतिथियों, वक्ताओं, कलाकारों एवं आयोजन समिति के सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया गया।