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Purvanchal Expressway पर आज से भरें फर्राटा… जानिए यात्रियों के लिए क्या सुविधाएं

यूपी में 341 किलोमीटर लंबा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊ से गाजीपुर तक जाएगा. एक्सप्रेस-वे पूर्वी और पश्चिमी यूपी को जोड़ेगा. इससे दिल्ली से गाजीपुर तक की यात्रा 10 घंटे में सड़क मार्ग से पूरी की जा सकेगी.

यूपी के लोगों को आज पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का तोहफा मिल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करेंगे. करीब 341 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे पूर्वी और पश्चिमी यूपी को जोड़ेगा. एक्सप्रेस-वे लखनऊ के चांद सराय से शुरू होगा और गाजीपुर तक पहुंचेगा. इसे बनाने में 22 हजार 497 करोड़ रुपये का खर्चा आया है. ये एक्सप्रेस-वे 9 जिलों लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर से होकर निकलेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने जुलाई 2018 में आजमगढ़ से इसकी आधारशिला रखी थी.

अभी 6 लेन, बाद में 8 लेन भी हो सकता है

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊ के चांद सराय गांव से शुरू होगा जो गाजीपुर में NH-31 पर स्थित हैदरिया गांव पर खत्म होगा. ये गांव यूपी-बिहार बॉर्डर से 18 किलोमीटर पहले पड़ता है. ये एक्सप्रेस-वे अभी 6 लेन का बनाया गया है, जिसे भविष्य में 8 लेन भी किया जा सकता है. दावा है कि इस एक्सप्रेस-वे से गाजीपुर से दिल्ली पहुंचने में 10 घंटे लगेंगे. यूपी सरकार के मुताबिक, अक्टूबर 2018 में इसका काम शुरू हुआ था और तीन साल में इसे पूरा कर लिया गया.

एक अनुमान के मुताबिक, 341 किलोमीटर के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का सफर तय करने में करीब 4 घंटे का वक्त लगेगा. इस एक्सप्रेस-वे से सरकार को टोल से 202 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा. फिलहाल लोगों को टोल टैक्स नहीं देना पड़ेगा. यानी अभी कुछ दिन यह सफर मुफ्त रहेगा. लेकिन बाद में टोल टैक्स वसूलने का काम निजी कंपनी को दिया जाएगा. यह कंपनी जल्द प्रति किमी के हिसाब से टोल की दरें तय करेगी और इसके बाद टोल बूथ पर टोल लगेगा. माना जा रहा है कि इसकी दरें लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे की दरों के आसपास ही रखी जाएगी.

18 फ्लाईओवर, 7 ओवरब्रिज बनाए गए

इस एक्सप्रेस-वे पर 18 फ्लाईओवर, 7 रेलवे ओवरब्रिज, 7 दीर्घ सेतु, 104 लघु सेतु, 13 इंटरचेंज, 5 रैम्प प्लाजा, 271 अंडरपासेज और 525 पुलियों का निर्माण कराया गया है.

पूर्वांचल एक्‍सप्रेस-वे से जुड़ी खास बातें 

–  गाजीपुर से दिल्ली पहुंचने में 10 घंटे लगेंगे.

–  राजधानी से पूर्वांचल के आखिरी छोर तक सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी.

–  पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से खेती-किसानी के लिए कारोबार के नए रास्ते खुलेंगे.

–  सब्जी और दुग्ध व्यवसाय को एक्सप्रेस वे से फायदा होगा.

–  गाजीपुर से बिहार को जोड़ने के प्रस्ताव पर भी काम चल रहा है.

–   फिलहाल लोगों को टोल टैक्स नहीं देना पड़ेगा.

–  वाहनों की गति सीमा 100 किमी प्रति घंटा निर्धारित की गई है.

‘लेकिन इन बातों का रखना होगा ध्यान

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे बनकर तो तैयार हो गया है और इस पर आज से ही आवाजाही शुरू हो जाएगी. लेकिन अभी भी कुछ सुविधाएं यहां नहीं हैं. 341 किलोमीटर के सफर में ना तो रास्ते में पेट्रोल मिलेगा ना ही टॉयलेट और अगर गाड़ी खराब हुई तो गैराज भी नहीं मिलेगा. इतना ही नहीं, खाने-पीने की भी व्यवस्था अभी नहीं हुई है. हालांकि, सरकार का कहना है कि इनके इंतजाम किए जा रहे हैं. UPEIDA का कहना है कि एक्सप्रेस-वे पर 8 जगहों पर फ्यूल पंप और 4 जगहों पर सीएनजी स्टेशन बनाए जाने हैं.

लड़ाकू विमान भी उतर सकेंगे

इस एक्सप्रेस-वे पर लड़ाकू विमान भी उतारे जा सकेंगे. इसके लिए सुल्तानपुर में 3.2 किमी लंबी और 34 मीटर चौड़ी हवाई पट्टी भी तैयार की गई है. जरूरत पड़ने पर वायुसेना इस एक्सप्रेस-वे का इस्तेमाल लैंडिंग और उड़ान भरने के लिए कर सकती है.

यूपी चुनाव से पहले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे 

अयोध्या से शुरू हुआ चुनावी दांव अब पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तक पहुंच गया है. यही वजह है कि पूर्वांचल की सियासी बिसात पर अभी से गोटियां बिछने लगी हैं. 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सौगात देकर विकास के नाम पर पूर्वांचल की सियासी चौसर पर मजबूत पासा फेंका था. अब पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे इसी कड़ी में दूसरा बड़ा दांव माना जा रहा है.

दरअसल, तमाम पार्टियां अपने सियासी पैंतरे से पूर्वांचल को साधने की जुगत में हैं, लेकिन पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के दांव से बीजेपी विरोधियों पर 21 पड़ सकती है. 2022 का चुनावी मुद्दा क्या होगा ये उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल ने लगभग सेट कर दिया है. साफ है यूपी के सियासी दरबार की राह ही पूर्वांचल से होकर जाती है और उसी राह पर अब बीजेपी एक्सप्रेस वे की रफ्तार पकड़ना चाहती है.