नई दिल्ली। इंदौर अब स्वच्छता के सातवें आसमान पर है। पहली बार सूरत को भी संयुक्त तौर पर सबसे स्वच्छ शहर बन गया। स्वच्छता हमारे संस्कार में है, इसलिए हम नंबर वन हैं। गुरुवार को दिल्ली के भारत मंडपम में समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हाथों मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पुरस्कार लिया। इस दौरान नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगमायुक्त हर्षिका सिंह भी मौजूद थे। तीसरे स्थान पर नवी मुंबई को मिला।
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2019 तक भारत को स्वच्छ बनाने की मांग की थी और खुले में शौच जाने को खत्म करने का बिड़ा उठाया था। उन्होंने कहा था कि महात्मा गांधी को स्वच्छ भारत से बेहतर तोहफा कैसे होगा। यह मिशन एक आंदोलन बन गया। इसमें सभी ने श्रमदान किया।
7वें आसमान पर अपना इंदौर : मुख्यमंत्री मोहन यादव
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर सहित प्रदेशवासियों को इस सम्मान के लिए बधाई दी है। यादव ने अपने ट्वीट संदेश में कहा कि ‘स्वच्छता के सातवें आसमान पर अपना इंदौर’ इंदौरवासियों ने पुनः यह सिद्ध कर दिया है कि स्वच्छता न सिर्फ उनकी आदत बन चुकी है, बल्कि अब उनकी सोच में भी स्वच्छता ही है। स्वच्छता की इस सबसे बड़ी उपलब्धि पर मैं समस्त प्रदेशवासियों एवं स्वच्छता के कार्य में लगी पूरी टीम को बधाई देता हूं एवं अपील करता हूं कि स्वच्छता के लिए आपका यह जुनून कभी कम न हो। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री मोदीजी ने जो संकल्प लिया है, उसे पूरा करने के लिए मध्यप्रदेश सदैव कटिबद्ध है।
देश के 10 लाख से अधिक आबादी वाले महानगरों की श्रेणी में भोपाल को देश का पांचवां सबसे स्वच्छ शहर चुना गया। महापौर मालती राय के साथ नगर निगम कमिश्नर फ्रेंक नोबल ए ने राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार ग्रहण किया। पिछले साल भोपाल देश के सबसे स्वच्छ शहरों में छठवें नंबर पर रहा था। वहीं वर्ष 2017 और 2018 में लगातार दो साल देश में दूसरी रैंक हासिल की थी।









