उज्जैनभोपालमध्य प्रदेश

अजीब व्यवस्था … भोजन वितरण में भी फेल- प्रशासन का देखों खेल

उज्जैन। लाकडाउन का पाल कराने में असमर्थ प्रशासन, अभी भी आर्डर पर आर्डर निकालने में व्यस्त है। सिंहस्थ मेला कार्यालय इसका अड्डा है। कलेक्टर- निगमायुक्त और प्रशासनिक अमला यहीं से बैठकर लाकडाउन का पालन करवा रहा है। समन्वय की कमी और आर्डर देने की आदत ने कोढ़ में खाज वाली स्थिति पैदा कर दी है। नतीजा
भोजन वितरण में लगी सामाजिक संस्थाओं ने आज हाथ ऊंचे कर दिये। जिसके चलते एक तरफ जहां कई जगहों पर वितरण नहीं हुआ, वहीं मेला कार्यालय में यह सुनाई दिया कि …
भोजन वितरण में भी फेल- प्रशासन का देखों खेल।
कोठी के गलियारों में भले ही आजकल सन्नाटा छाया है। लेकिन सिंहस्थ मेला कार्यालय इन दिनों कोरोना-वार- रूम बना हुआ है। कलेक्टर शंशाक मिश्र, निगमायुक्त ऋषि गर्ग सुबह से ही अड्डा जमा लेते है। हर 30 से 60 मिनिट में लाकडाउन को लेकर कोई ना कोई आर्डर निकल जाता है। दूसरा वार-रूम कंट्रोल रूम है। जहां पर बैठके होती है। रविवार की शाम 6 बजे भी हुई। जिसमें संभाग- रैंज- जिले के सभी शीर्षस्थ अधिकारी मौजूद थे। मगर, ताज्जुब की बात यह है कि इतने अलर्ट प्रशासन की नाक के नीचे, भोजन वितरण व्यवस्था आज फेल हो गई। वितरण में लगी सामाजिक संस्थाओं ने हाथ ऊंचे कर दिये।
चुभते सवाल …
वितरण व्यवस्था क्यों बिगड़ी- किसने बिगाड़ी- मानीटरिंग कौन कर रहा- जब व्यवस्था बिगडऩे की शुरूआत हुई- तभी कदम क्यों नहीं उठाया गया? इन सभी सवालों को एयरकंडीशनर कक्ष मेें बैठकर, फैसला लेने वाले अधिकारियों को, इस पर सोचना चाहिये? प्लानिंग और आर्डर निकालने से काम नहीं चलता है। धरातल पर कई परेशानी आती है। जिसके लिए कभी-कभी वार- रूम से बाहर और गाडी से भी उतरना पडता है। केवल फोन पर निर्देश देने से काम नहीं चलता है। समन्वय और संवाद से परेशानियां हल होती है। लेकिन सुनने वाला कौन है?
नहीं करेंगे…
प्रशासन ने भोजन व्यवस्था के नाम पर 2 ग्रुप बनाये थे। फूड केयर और नोडल फूड। इसमें सामाजिक संस्थाएं- अधिकारी- खाद्य विभाग शामिल है। इसी ग्रुप में शामिल नीड ग्रुप के कार्यकर्ता अंकित चौबे की पुलिस ने पिटाई कर दी है। बाकी संस्थाओं को भी यही परेशानी आ रही है। पुलिस पीट रही है। जबकि ताज्जुब की बात यह है कि पूरे शहर में आम नागरिक वाहनों से घूम रहे है। कहीं किसी की पिटाई की खबर नहीं है, लेकिन इनकी पिटाई हो रही है। जिसका परिणाम आज सामने आया। संस्थाओं ने हाथ ऊंचे कर दिये।
असहाय …
प्रशासनिक कार्यशैली में मानिटरिंग का अपना महत्व है। जिले के मुखिया का दायित्व है कि जिसको को भी नोडल बनाया है। उससे, आने वाली परेशानियों की वस्तुस्थिति पर चर्चा करें। उसका निराकरण करे। मगर ऐसा नहीं हो रहा है। सूत्र का कहना है कि फूड केयर और नोडल फूड ग्रुप की नोडल अधिकारी बिदिशा मुखर्जी ने खुद को दोनों ग्रुप से लेफ्ट कर लिया है। कारण, खुद को असहाय महसूस कर रही है। ऐसी चर्चा ग्रुप में सुनाई दे रही है। तमाम कोशिश के बाद भी परेशानियां खड़ी होती जा रही है। उनके लेफ्ट होने से समस्या और विकराल हो गई और वार- रूम में बैठे अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़ा हो गया है?
राजनीति …
भोजन वितरण व्यवस्था में, तब से राजनीति घुस आई है। जब से पार्षदों के माध्यम से वितरण का फैसला हुआ है। पार्षदों को इसमें भविष्य की राजनीति नजर आ रही है। आगे-पीछे चुनाव होना है। भोजन वितरण उनकी लोकप्रियता व वोट बैंक बढ़ा सकता है। पहले ही दिन नागझिरी पर विवाद हो गया था। दिनों-दिन व्यवस्था चरमरा रही थी। जो आज पूरी तरह बैठ गई। संंस्थाओं के सूत्रों का कहना है कि जितनी पार्षद के क्षेत्र की आबादी नहीं है, उससे ज्यादा पैकेट की डिमांड आ रही है। इस राजनीति ने भी इस व्यवस्था को ठप्प किया है।
जागे …
आखिरकार व्यवस्था ठप्प होने के बाद प्रशासन जाग गया। 1 दिन पहले बनी निरीक्षण समिति के 2 सदस्यों ने खाद्य आपूर्ति नियंत्रक मोहन मारू से चर्चा की। विवाद को सुलझाया। प्रशासन आखिरकार पास बनाकर देने को तैयार हो गया है। इधर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सचिन अतुलकर ने भी आश्वासन दिया है कि … भोजन वितरण करने वालों पर सख्ती नहीं होगी। ऐसी समिति में चर्चा है।
बैठक …
इधर आज आगामी 1 अप्रैल से बीपीएल परिवार को मिलने वाली खाद्य सामग्री को लेकर बैठक हुई। विधायक डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिये। आपूर्ति नियंत्रक व अपर कलेक्टर जीएस डाबर को। व्यवस्था सुचारू चले- जल्दी निपटे- काला बाजारी ना हो आदि। मगर विधायक को आज हुई भोजन व्यवस्था ठप्प की संभवत: जानकारी नहीं थी। इसलिए बैठक में इस मुद्दे पर बात नहीं हुई। विधायक ने भी दूरभाष पर बैठक की जानकारी दी, मगर इस व्यवस्था को लेकर कुछ नहीं कहां।
निगरानी बनाम रोको …
रविवार की शाम को कंट्रोल रूम पर एक बैठक हुई थी। इसमें संभाग- रैंज- जिले के शीर्षस्थ अधिकारी मौजूद थे। यहां पर आईजी राकेश गुप्ता ने जांसापुरा (कोरोना प्रभावित क्षेत्र) की निगरानी ड्रोन-कैमरे से कराने के निर्देश दिये। शिकायत मिल रही थी कि नागरिक बाहर घूम रहे है। आज उसका पालन हुआ। दोपहर में करीब 20 मिनिट जांसापुरा और हेलावाड़ी में ड्रोन- कैमरे से वीडियों बनाया गया। इसी बैठक में शामिल वरिष्ष्ठ सूत्र ने बताया कि कल शाम एक आदेश आया था। जिसमें पैदल जा रहे नागरिकों को तत्काल रोकने और उनकी व्यवस्था करने के निर्देश थे। देश की राजधानी से निर्देश थे। मगर, इस आदेश के अमल में जानबूझकर देरी की गई। ताकि जितने जिले से बाहर निकल जाये, उतना सुरक्षित माहौल रहे।
बाक्स
चाय- बिस्किट वितरण …
कल्पना कीजिए सुबह से लेकर शाम तक किसी चौराहे पर ड्यूटी करनी हो? शहर पूरा बंद है। सुबह 6 से 1 छोड़कर। पानी तो मिलता नहीं चाय की कल्पना ही बेकार है। उन पुलिसकर्मियों के लिए। जो दिन-रात ड्यूटी कर रहे है। लेकिन एक शासकीय महिला कर्मचारी ने इसका बीड़ा उठाया है। वह पिछले 4 दिनों से चाय- बिस्किट लेकर शाम 5 बजे बाद निकलती है। टॉवरचौक से इंदौर रोड- इंजीनियरिंग कालेज से देवास रोड तक चाय-बिस्किट देती है। उन पुलिसकर्मियों को, जो दिन-रात विपरित परिस्थितियों में ड्यूटी कर रहे है। उनकी कर्तव्यनिष्ठा को हमारा सेल्यूट और चाय वितरण करने वालों को भी।