हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार अमावस्या तिथि का बड़ा महत्व बताया गया है. वैशाख में आने वाली अमावस्या को वैशाख अमावस्या कहा जाता है. वैशाख अमावस्या इस वर्ष 22 अप्रैल, बुधवार के दिन है. इस दिन शनि-राहु और केतु की उपासना से भी लाभ हो सकता है. आइए जानते हैं वैशाख अमवास्या के दिन क्या करें और क्या न करें.
वैशाख अमावस्या के दिन गंगा स्नान करने का विशेष महत्व होता है. लेकिन लॉकडाउन के चलते इस बार गंगा के पानी में स्नान करना संभव नहीं है, इसलिए आप पानी में गंगा जल की कुछ बूंदे डालकर स्नान कर सकते हैं और मां गंगा की उपासना कर सकते हैं.
पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण एवं उपवास करें और किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें. अमावस्या के दिन दान का भी बहुत महत्व होता है.
इस तिथि को राहु और केतु की उपासना विशेष फलदायी होती है. इनकी उपासना करने से जीवन में चल रहे सभी संकटों से मुक्ति मिल सकती है.
वैशाख अमावस्या पर शनि जयंती भी मनाई जाती है, इसलिए शनि देव तिल, तेल और पुष्प आदि चढ़ाकर पूजन करनी चाहिए. शनि चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं या फिर शनि मंत्रों का जाप कर सकते हैं.
अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाना चाहिए और संध्या के समय दीपक जलाना चाहिए. इसके बाद निर्धन व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन और यथाशक्ति वस्त्र और अन्न का दान करना चाहिए.
इस महीने में भगवान ब्रह्मा ने तिलों का निर्माण किया था अतः तिलों का विशेष प्रयोग भी होता है. इसलिए इस दिन खाने में तिल से बनी चीजों का सेवन करना भी शुभ माना जाता है.
इस दिन मांस या मदिरा पान का सेवन करने से भी परहेज करना चाहिए. साथ ही तामसिक चीजों का सेवन करने से भी बचना चाहिए.
इसके अलावा पार्टनर के साथ शारीरिक संबंध बनाने से भी परहेज करना जरूरी है
वैशाख अमावस्या पर दिन के वक्त सोना भी अशुभ माना जाता है. इसलिए ऐसा करने से बचें.