मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश का आर्थिक सर्वेक्षण वर्ष 2024-25, विकास पथ पर तीव्र गति से बढ़ रहे मध्यप्रदेश के कदमों का प्रमाण है। विभिन्न सूचकांक प्रदेश की उत्तरोत्तर प्रगति के प्रतीक हैं। प्रदेश की प्रगति में सरकार के प्रयासों के साथ नागरिकों के सहयोग सकारात्मक दृष्टिकोण का भी योगदान शामिल है। मध्यप्रदेश प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मंत्र “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के अनुरूप आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जहाँ एक ओर वर्ष 2023-24 में प्रचलित भावों पर मध्यप्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद 13 लाख 53 हजार 809 करोड़ रूपए था, वहीं इसमें 11.05% की वृद्धि हो गई है। सकल घरेलू उत्पाद अब बढ़कर 15 लाख 03 हजार 395 करोड़ रूपए पहुँच गया है। यह प्रगति प्रदेश की सशक्त अर्थव्यवस्था और समग्र विकास को दर्शाती है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार राज्य को आत्मनिर्भर, समृद्ध और विकसित बनाने के लिए निरंतर कार्यरत है। इसी दिशा में हमने वर्ष 2028-29 तक सकल घरेलू उत्पाद को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि मध्यप्रदेश का आर्थिक सर्वेक्षण वर्ष 2024-25 प्रदेश की आर्थिक सुदृढ़ता और समग्र प्रगति का द्योतक है। वर्ष 2023-24 में स्थिर भावों पर मध्यप्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद 6 लाख 71 हजार 636 करोड़ रूपए था, जो 6.05% की वृद्धि के साथ वर्ष 2024-25 में बढ़कर 7 करोड़ 12 लाख 260 करोड़ रूपए हो गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नव शक्ति प्रदान कर विकसित मध्यप्रदेश के संकल्प को पूर्ण करने की दिशा में कार्यरत है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह सर्वेक्षण नागरिकों की समृद्धि को परिभाषित करने वाला है। मध्यप्रदेश की प्रति व्यक्ति आय का उल्लेख करें तो यह वर्ष 2024-25 में प्रचलित भावों पर 1 लाख 52 हजार 615 रूपए हो गई है। स्थिर भाव पर भी वर्ष 2024-25 में प्रति व्यक्ति आय 70 हजार 434 रूपए है। प्रदेश सरकार आर्थिक समृद्धि और जनकल्याण के संकल्प के साथ प्रदेश को आत्मनिर्भर और विकसित बनाने के लिए निरंतर कार्यरत है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह सर्वेक्षण प्रदेश सरकार की सशक्त आर्थिक नीतियों और निरंतर विकासशील अर्थव्यवस्था का प्रतिबिंब है। मध्यप्रदेश के सकल मूल्यवर्धन में प्रचलित भावों पर वर्ष 2024-25 में क्षेत्रवार हिस्सेदारी क्रमश: प्राथमिक क्षेत्र में 44.36 प्रतिशत, द्वितीयक क्षेत्र में 19.03 प्रतिशत तथा तृतीयक क्षेत्र में 36.61 प्रतिशत रही है। यह आंकड़े मध्यप्रदेश की संतुलित और निरंतर प्रगतिशील अर्थव्यवस्था को दर्शाते हैं, जहाँ सरकार के प्रयासों से प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रों में समुचित विकास हो रहा है।