मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार को इंदौर के ऐतिहासिक लालबाग परिसर में आयोजित मालवा उत्सव में शामिल हुए। उत्सव में पहुँचकर उन्होंने वहाँ विभिन्न प्रदेशों से आए लोक कलाकारों से मुलाकात कर संवाद किया और उनका हौसला बढ़ाया। मालवा उत्सव में देश के विभिन्न प्रदेशों के साथ ही मध्यप्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए लोक कलाकार अपने लोक कलाओं का प्रदर्शन कर रहे हैं। उत्सव में बुनकर और अन्य हस्तशिल्प कलाकारों ने अपनी पारंपरिक हस्तकला, बुनकरी, मिट्टी और धातु की कलाकृतियाँ प्रदर्शित की है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मालवा उत्सव हमारी सांस्कृतिक विरासत और लोककला की जीवंत प्रस्तुति है। यह आयोजन न केवल कलाकारों को मंच प्रदान करता है, बल्कि जनमानस को भी अपनी जड़ों से जुड़ने का अवसर देता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार पारंपरिक कला, संस्कृति और शिल्प के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने मालवा की सांस्कृतिक समृद्धि और उत्सवों की परंपरा को गौरव बताते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से स्थानीय शिल्पकारों को आर्थिक संबल भी प्राप्त होता है।
मुख्यमंत्री ने मालवा उत्सव में बनाए भजिए और चखा स्वाद
लालबाग परिसर में पारंपरिक लोक नृत्य और संगीत की प्रस्तुतियों के साथ ही भित्तिचित्रों की प्रदर्शनी, हस्तशिल्प और व्यंजन स्टॉल लगाये गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विभिन्न स्टालों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने एक स्टॉल पर भजिए तले और उनका स्वाद चखा। रेजा कार्य, बटिक प्रिंट, ताँबे व पीतल की मूर्तियाँ, और आदिवासी चित्रकलाओं ने दर्शकों का ध्यान खींचा। उत्सव में सांस्कृतिक मंच पर लोकनृत्य की विभिन्न प्रस्तुतियाँ हुईं, जिनमें दर्शकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।