चीन की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी से उतर रही है. इस साल सितंबर तिमाही में चीन को अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर तगड़ा झटका लगा है. सितंबर तिमाही में चीन की आर्थिक विकास दर गिरकर 4.9 फीसदी पर पहुंच गई है.
China Economy Growth Rate: दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की विकास दर (GDP) सितंबर तिमाही में 4.9 फीसदी दर्ज की गई है. चालू वित्त-वर्ष में तिमाही दर तिमाही चीन की जीडीपी में भारी गिरावट आई है. दूसरी तिमाही में चीन की अर्थव्यवस्था 7.9 फीसदी की दर से बढ़ी थी. जबकि पहली तिमाही में आर्थिक विकास की दर शानदार 18.3 फीसद थी.
चीन की नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (NBS) ने देश में वर्तमान आर्थिक हालात को ‘अस्थिर और असमान’ कहा है, लेकिन इसके पीछे घरेलू वजहों का हवाला दिया गया है. सोमवार को तीसरी तिमाही के आंकड़े सामने आए हैं. चीन की जीडीपी साल 2018 में 6.7 फीसदी, 2019 में 5.9 फीसदी, 2020 में 2.3 फीसदी और 2021 में 8.5 फीसदी रही थी.
दरअसल, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की आर्थिक वृद्धि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 5 फीसद के नीचे चली गई है. यह चीन के लिए चिंता का विषय है. इस दौरान कारखाना उत्पादन, खुदरा बिक्री, निर्माण और अन्य गतिविधियों में निवेश कमजोर पड़ा है. चीन के निर्माण क्षेत्र में लाखों लोगों को रोजगार मिला हुआ. इस क्षेत्र की वृद्धि काफी धीमी पड़ गई है. चीन की इकोनॉमी में गिरावट की 3 बड़ी वजहें ये हैं.
पहली वजह: चीन की जीडीपी का करीब एक चौथाई हिस्सा रियल एस्टेट इंडस्ट्री से आता है. पिछले दिनों चीन की सरकार ने रियल एस्टेट कंपनियों के लिए एक नया कानून लागू किया, जिससे के बाद चीन में रियल स्टेट व्यापार लगातार संकट में घिरता जा रहा है. चीन की दिग्गज रियल स्टेट कंपनी ‘एवरग्रांडे’ के ऊपर 300 अरब डॉलर का कर्ज हो गया है. कंपनी तय तारीखों पर बॉन्ड भुगतान करने से चूक रही है. जानकारों का कहना है कि प्रॉपर्टी सेक्टर में निवेशकों की रूचि न सिर्फ कम हुई है बल्कि उन्हे इस सेक्टर में निवेश को लेकर डर भी लग रहा है.
दूसरी वजह: बिजली कटौती की वजह से सितंबर में चीन का विनिर्माण भी प्रभावित हुआ है. कोयले की कमी से पैदा हुए बिजली संकट के कारण उत्पादन कम हो रहा है जो चिंता का विषय है. दरअसल, इस साल के पहले 6 महीनों में चीन एनर्जी कंट्रोल का अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर पाया. जिस वजह से बिजली सप्लाई में कटौती की जा रही है. बिजली नहीं आने से फैक्ट्रियां प्रभावित हो रही हैं. इससे बेरोजगारी भी बढ़ने की समस्या है.
बिजली कटौती से कई इलाकों में बिजली घंटों तक नहीं आ रही है. इसकी वजह बिजली की बढ़ती मांग, कोयले की कमी और जलवायु परिवर्तन को लेकर प्रतिबद्धता पूरा करने का दबाव है.
तीसरी वजह: चीन में फिलहाल टेक और गेमिंग इंडस्ट्रीज भी संकट में है. एक नियम के तहत वीडियो गेम नियामक ने 18 साल से कम उम्र के बच्चों पर पाबंदी लगाई है, और उनके वीडियो गेम खेलने का वक्त सीमित कर दिया है. जिससे यह इंडस्ट्रीज प्रभावित हुई है. जानकारों का मानना है कि चीन में पिछले कुछ समय से ऐसे नीतिगत फैसले लिए जा रहे हैं, जिसने चीन के विकास दर को भारी प्रभावित किया है.