कोरोना काल मे भाजपा कार्यालय का कायाकल्प…..
नवागत जिलाध्यक्ष पर सेवा छोड़कर सस्ते प्रचार की चर्चा
देवास। भाजपा में इन दिनों चर्चाओं का दौर चल रहा है। नेताओं का आपसी विवाद विरोध सुर्खियों में है ही, नए जिलाध्यक्ष की कार्यशैली भी चर्चा में है। नियुक्ति के बाद से ही जिलाध्यक्ष राजीव खण्डेलवाल का एक गुट विरोध कर रहा है तो अब भाजपा कार्यालय का कायाकल्प नई बहस को जन्म दे रहा है। चामुंडा काम्प्लेक्स से कुछ ही दूरी पर स्थित भाजपा कार्यालय को नया लुक देने की मुहिम नवागत जिलाध्यक्ष द्वारा की जा रही है। वैसे तो भाजपा के इस दो मंजिला भवन में पार्टी का कामकाज संचालित होते दिखाई देता है। और वर्तमान में दूसरी मंजिल पर बने हॉल में बैठक व अन्य कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। प्रथमतल पर भवन को नये जिलाध्यक्ष द्वारा हाईटेक बनाया जा रहा है। वर्तमान में दूसरे मंजिल पर कार्यालय से संगठन का कामकाज किया जा रहा है।
अभी भाजपा दलबदल और विरोध के रोग से ग्रस्त है। लेकिन जिला अध्यक्ष कार्यालय मे ही तोड़फोड़ कर उपचुनाव की गंभीरता नहीं समझ रहे। चर्चा चल रही है कि कोरोना संक्रमण मे सजगता, सुरक्षा और सावधानी की अपेक्षा ये कार्य क्यो किया जा रहा है। पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है वही दूसरी और देवास में भाजपा के नये जिलाध्यक्ष द्वारा हाईटेक कार्यालय का काम जोरशोर से किया जा रहा है। अब सवाल यह उठ रहा है कि कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा लोगों की मदद की जा रही है तो जिलाध्यक्ष ने क्यो नही अपने हाथ आगे बढाये। वही दूसरी और प्रदेश के मुख्यमंत्री किसानों का अन्नदाता का दर्जा देते है और वर्तमान में बारीश के कारण किसान भी परेशान है ऐसी स्थिाति में किसानों की मदद के साथ पार्टी के कार्यकर्ताओं की सुध नही लेते हुए कार्यालय को हाईटेक बनाने में लगे हैं।
चर्चा यह है कि अब कार्यालय को हाईटेक बनाने के लिए यह पैसा कहा से आयेगा। जबकि वर्तमान में सारे कामकाज के साथ रोजगार भी ठप पढे हुए है क्या जिलाध्यक्ष अब इस काम के लिये पार्टी के फड का उपयोग करेगे। सुना तो यह भी जा रहा है कही आजीवन सहयोग निधि की राशि का तो इसमें उपयोग नहीं होगा। वही दूसरी ओर सूत्रों का कहना है पार्टी के कई कार्यकर्ता भी नाराजगी दिखाते हुए बोल रहे है जिलाध्यक्ष बने एक माह भी नही हुवा साथ ही इससे भी पहले के कई जिलाध्यक्षो ने तो ऐसा कोई काम नही किया और पार्टी के कार्य मे कर्तव्यनिष्ठ से काम किया गया। जबकि जिला अध्यक्ष को अभी कार्यालय में फ्लोरिंग, पीओपी के साथ नवीनीकरण के साथ हाईटेक नही बनाते हुए कुछ समय बाद बनाना था क्योकि अध्यक्ष का कार्याकाल तीन वर्ष का होता है और वर्तमान में देश के प्रधामनंत्री सहित प्रदेश में भाजपा की सरकार भी इस भयावह बीमारी से लड़ रही है।