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कोरोना काल में इनकम टैक्स से भर गई सरकार की झोली, अनुमान से भी ज्यादा कलेक्शन

कोविड वाले साल में भी सरकार का इनकम टैक्स से राजस्व संग्रह बढ़ा है. केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के मुताबिक 2020-21 का प्रत्यक्ष कर संग्रह इससे पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 5% अधिक है. जानें कॉरपोरेट और आम जनता ने कितना टैक्स दिया और सरकार ने कितने का रिफंड जारी किया.

कोविड वाले साल में भी सरकार का इनकम टैक्स से राजस्व संग्रह बढ़ा है. केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के मुताबिक 2020-21 का प्रत्यक्ष कर संग्रह इससे पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 5% अधिक है.

कॉरपोरेट टैक्स से आए 4.57 लाख करोड़

CBDT के आंकड़ों के अनुसार सरकार के कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह में कॉरपोरेट से होने वाली आय 4.57 लाख करोड़ रुपये रही. जबकि आम लोगों की ओर से व्यक्तिगत इनकम टैक्स के रूप में 4.88 लाख करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ. इसमें प्रतिभूति ट्रांजैक्शन टैक्स भी शामिल है.

बजट अनुमान का 104% है कर संग्रह

CBDT ने बताया कि सरकार ने 2020-21 के लिए इनकम टैक्स से आय का अनुमान 9.05 लाख करोड़ रुपये रखा था. जबकि उसे प्राप्त 9.45 लाख करोड़ रुपये हुए हैं. इस तरह सरकार का प्रत्यक्ष कर संग्रह बजट अनुमान का 104.46% है.

एडवांस टैक्स ही मिला 4.95 लाख करोड़ रुपये का

इनकम टैक्स रिफंड का समायोजन करने से पहले सरकार को एडवांस टैक्स के रूप में कुल 4.95 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिला. इसके अलावा टीडीएस के तौर पर 5.45 लाख करोड़ रुपये जबकि स्व-आकलन के आधार पर 1.07 लाख करोड़ रुपये का कर संग्रह हुआ.
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इतने मुश्किल वक्त में भी सरकार को इतना एडवांस टैक्स मिला जो इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 6.7% अधिक है.

कुल आया 12 लाख करोड़ रुपये का इनकम टैक्स

लोगों को आयकर रिफंड देने से पहले सरकार के पास कुल 12.06 लाख करोड़ रुपये का इनकम टैक्स आया. इसमें कॉरपोरेट कंपनियों की हिस्सेदारी 6.31 लाख करोड़ रुपये और आम लोगों के व्यक्तिगत इनकम टैक्स की भागीदारी 5.75 लाख करोड़ रुपये रही. इसमें प्रतिभूति ट्रांजैक्शन टैक्स शामिल है.

सरकार ने किया 2.61 लाख करोड़ रुपये रिफंड

वित्त वर्ष 2020-21 में सरकार ने 2.61 लाख करोड़ रुपये का इनकम टैक्स रिफंड जारी किया. यह 2019-20 के 1.83 लाख करोड़ रुपये से 42.1% अधिक है.