डीएपी (डाइ अमोनिया फास्फेट) और एनपीके के रेट बढ़ने के मामले में इफको ने कहा कि सोशल मीडिया पर जो रेट वायरल हो रहे हैं वे किसानों के लिए लागू नहीं है. ये किसानों को पुराने रेट पर ही मिलेंगे.
देश में किसान कई मसलों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. ऐसे में सहकारी समिति इफको (IFFCO) द्वारा खाद (गैर यूरिया फर्टिलाइजर) के दाम में भारी बढ़त की खबर से सोशल मीडिया पर बवाल मच गया. इसके बाद इफको को सफाई देनी पड़ी कि वह पुराने रेट पर ही खाद बेचेगा और बढ़े रेट सिर्फ बोरियों पर प्रिंट करने के लिए थे.
डीएपी (डाइ अमोनिया फास्फेट) और एनपीके (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम आधारित उर्वरक) के रेट बढ़ने के मामले में IFFCO ने कहा कि सोशल मीडिया पर जो रेट वायरल हो रहे हैं वे किसानों के लिए लागू नहीं है. इफको के पास 11.26 लाख टन कॉम्प्लेक्स फर्टिलाइजर (डीएपी,एनपीके) मौजूद हैं और ये किसानों को पुराने रेट पर ही मिलेंगी.
खबर हुई वायरल
खबरों में कहा गया था कि इफको ने डीएपी की कीमतों में 700 रुपये प्रति बोरी (50 किलो) की बढ़ोतरी की है. इसके अलावा एनपीके की कीमतों में भी बढ़ोतरी की गई है. हालांकि इफको का कहना है कि किसानों को डीएपी समेत उपरोक्त सभी खाद नए आदेश तक पुराने रेट पर ही मिलेंगे.
सोशल मीडिया पर जो एक कथित ई-मेल वायरल हुई उसमें कहा गया कि एक अप्रैल से डीएपी की 50 किलो की बोरी की कीमत 1900 रुपये, एनपीके (10:26:26) 1775 रुपये, एनपीके (12:32:16) 1800 रुपये, एनपी (20:20:0:13) 1350 रुपये और एनपीके (15:15:15) 1350 रुपये होगी.
गैर यूरिया खाद जैसे DAP, MoP और NPK की कीमतें सरकारी नियंत्रण से मुक्त हैं और इनकी कीमत उत्पादक ही तय करते हैं. हालांकि सरकार उन्हें हर साल एक निश्चित सब्सिडी देती है. वैश्विक स्तर पर कच्चे माल की कीमतों के बढ़ने की वजह से कुछ निजी कंपनियों ने गैर यूरिया खाद के दाम पहले ही बढ़ा दिए हैं.