कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अर्थव्यवस्था के मोर्च पर सरकार को डबल झटका लगा है. खुदरा महंगाई बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा था, जो अब सच साबित हुआ है. मार्च-2021 में खुदरा महंगाई दर में तेज उछाल दर्ज की गई है. वहीं औद्योगिक उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है.
खुदरा महंगाई दर में उछाल
दरअसल सोमवार सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च महीने में खुदरा महंगाई दर 5.52 फीसदी रही. फरवरी महीने में यह 5.03 फीसदी रही थी. इससे पहले जनवरी में रिटेल महंगाई दर 4.06 फीसदी रही थी, जो अक्टूबर 2019 के बाद सबसे निचला स्तर था.
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च में महंगाई दर बढ़कर 5.52% पर पहुंच गई है. खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ने से मार्च में खुदरा महंगाई दर बढ़ी है. इसके अलावा मार्च के दौरान देश में पेट्रोल और डीजल की दरें ऊंचे स्तर पर रहीं. इससे अन्य वस्तुओं के दाम भी बढ़े. हालांकि मार्च में सब्जियों की कीमतें घटी हैं.
खासकर मार्च में खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई थी. मार्च में खाद्य महंगाई 4.94 फीसदी रही, जबकि फरवरी में खाद्य महंगाई दर 3.87 फीसदी थी. मार्च लगातार चौथा महीना है, जब खुदरा महंगाई RBI के अनुमान के दायरे में है. RBI ने अगले 5 साल के लिए खुदरा महंगाई दर को 4% से 6% के बीच रखने का लक्ष्य तय किया है.
औद्योगिक उत्पादन में गिरावट
वहीं फरवरी महीने के लिए इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन इंडेक्स -3.6 फीसद रहा. यानी फरवरी-2021 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में पिछले साल के मुकाबले 3.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. जिसमें माइनिंग सेक्टर में 5.5 फीसदी, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 3.7 फीसदी, प्राइमरी गुड्स सेक्टर में 5.1 फीसदी, कैपिटल गुड्स में 4.2 फीसदी, इंटरमीडिएट गुड्स में 5.6 फीसदी, इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में 4.7 फीसदी और कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल सेक्टर में 3.8 फीसदी की गिरावट आई है.
वहीं कंज्यूमर ड्यूरेबल में 6.3 फीसदी और इलेक्ट्रिसिटी कंजप्शन में 0.1 फीसदी का सुधार देखने को मिला है. गौरतलब है कि पिछले हफ्ते भारतीय रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति की घोषणा करते वक्त चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में महंगाई के 5.2% पर रहने का अनुमान जताया है. हालांकि यह उसके लक्षित 2% से 6% के दायरे के भीतर है. (Photo: File)