आशुतोष गोवारिकर ने कहा, ‘जब भी हम इतिहास पर आधारित फिल्म बनाते हैं, तो यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि फिल्म में कौन सा हिस्सा दिखाया गया और किसे बाहर रखा गया है। जब आपके पास इतिहास की एक पुस्तक होती है, तो आपके पास डालने के लिए बहुत सारी जानकारी होती है इसलिए इसे एक खाता कहा जाता है लेकिन जब आप इतिहास को स्क्रीन पर लाते हैं, तो आपको काट-छांटकर एक रास्ता तैयार करना होता है, जहां से आप कहानी शुरू करेंगे और समाप्त करेंगे।’