गुरमीत सिंह ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा कर जमानत की अर्जी दाखिल की है और पूरे मामले को राजनीति से प्रेरित बताया है. याचिका में कहा गया है कि पंजाब में मुख्यमंत्री बदलते ही सरकार इस मामले को उछाल रही है ताकि 2022 के चुनाव में उसका फायदा लिया जा सके.
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह (Ram Rahim) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब उसके खिलाफ धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के मामले में फरीदकोट की एक अदालत ने प्रोडक्शन वारंट जारी किया है. इसके खिलाफ राम रहीम ने हाईकोर्ट का रुख किया है. राम रहीम अभी रोहतक की सुनारिया जेल में बलात्कार के मामले में 20 साल की सजा काट रहा है.
गुरमीत सिंह ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा कर जमानत की अर्जी दाखिल की है और पूरे मामले को राजनीति से प्रेरित बताया है. याचिका में कहा गया है कि पंजाब में मुख्यमंत्री बदलते ही सरकार इस मामले को उछाल रही है ताकि 2022 के चुनाव में उसका फायदा लिया जा सके.
फरीदकोट के बाजाखाना पुलिस स्टेशन में 2 जून 2015 को आईपीसी की धारा 380 और 295a के तहत एफआईआर नंबर 63 में गुरमीत राम रहीम को प्रमुख साजिशकर्ता बताया गया है. मामले की सुनवाई कर रही फरीदकोट की एक अदालत ने डेरा प्रमुख को प्रोडक्शन वारंट के जरिए 29 अक्टूबर को पेश होने को कहा है.
गुरमीत सिंह ने प्रोडक्शन वारंट को रद्द करने के अलावा पूछताछ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करने की अपील की है. गुरमीत सिंह ने याचिका में कहा है कि पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है और पंजाब में चुनाव होने वाले हैं, इसलिए सरकार इसे ऐसे वक्त पर उठाकर फायदा उठाना चाहती है.