मॉस्को. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को 2 दिन के रूस दौरे पर व्लादिवोस्तोक पहुंचे। यहां भारतीय समुदाय ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया।
मोदी को एयरपोर्ट पर ही गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद वे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिले। दोनों नेता ज्वेज्दा पोत निर्माण केंद्र रवाना हो गए।मोदीपुतिन के साथ ईस्टर्न इकोनॉमिक समिट (ईइएस) में हिस्सा लेंगे। पुतिन ने मोदी को इस समिट में चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाया है। रूस के सुदूर व्लादिवोस्तोक जाने वाले मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं।
इसके बाद दोनों नेता सालाना भारत-रूस समिट में भी हिस्सा लेंगे। मोदी और पुतिन के बीच इस मुलाकात में ऊर्जा से जुड़े कई समझौते हो सकते हैं। दरअसल, मोदी रूस के सुदूर पूर्वी शहर व्लादिवोस्तोक जाने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं। इस क्षेत्र में खनिज और ऊर्जा के बड़े भंडार मौजूद हैं। मोदी इस मुलाकात में पुतिन से आर्कटिक जलमार्ग खोलने का आग्रह कर सकते हैं, ताकि भारत से रूस के इस हिस्से की दूरी कम हो जाए और दोनों देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाए जा सकें।
जलमार्ग पर समझौता अहम
अगर चेन्नई-व्लादिवोस्तोक जलमार्ग पर समझौता होता है तो भारत-रूस के बीच व्यापार को मजबूती मिलेगी। व्लाओएनजीसी और कुछ हीरा कंपनियां अभी रूस के इस सुदूर पूर्वी इलाके में काम कर रही हैं। भारत-रूस इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर पर भी काम कर रहे हैं। यह 7200 किलोमीटर लंबा सड़क, रेल और समुद्र मार्ग होगा। यह भारत, ईरान और रूस को जोड़ेगा। कॉरिडोर हिंद महासागर और फारस की खाड़ी से ईरान के चाबहार पोर्ट होते हुए रूस के सेंट पीटर्सबर्ग को जोड़ेगा।