बांग्लादेश-भारत के बीच तीन टी-20 और दो टेस्ट की सीरीज पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इसकी वजह बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीबीसी) और खिलाड़ियों के बीच विवाद है। खिलाड़ियों ने बोर्ड के सामने 11 मांगें रखी हैं। उन्होंने कहा है कि अगर ये मांगें नहीं मानी जाती हैं, तो वे किसी भी सीरीज में नहीं खेलेंगे। बांग्लादेश की टीम का भारत दौरा 3 नवंबर से शुरू हो रहा है। इसमें तीन टी-20 और दो टेस्ट होंगे। बोर्ड ने हाल ही में एक आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया है कि बांग्लादेश प्रीमियर लीग में हिस्सा लेने वाली हर टीम को कम से कम एक लेग स्पिनर प्लेइंग-11 में रखना होगा। इसी आदेश के बाद विवाद शुरू हुआ।
बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन ने सोमवार दोपहर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने बीसीबी यानी बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के सामने कुल 11 मांगें पेश कीं। हसन ने कहा, ‘बीसीबी जिस तरह का व्यवहार कर रहा है, उससे क्रिकेटर्स पर दबाव बढ़ेगा। इससे असर खेल प्रभावित होगा। हम कई साल से बिना किसी लेग स्पिनर के सीनियर टीम खिला रहे हैं। अचानक बोर्ड कहता है कि बीपीएल की सात टीमों में सात लेग स्पिनर होना चाहिए।’
‘पहले घरेलू क्रिकेट में नियम लागू करें’
शाकिब ने आगे कहा, ‘मेरे हिसाब से किसी भी लेग स्पिनर को निरंतरता और बेहतर बनने के लिए घरेलू क्रिकेट में लंबी गेंदबाजी करनी चाहिए। बीपीएल इंटरनेशनल लेवल का टूर्नामेंट है। यहां वही हालात होते हैं जो आप अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में देखते हैं। यहां विदेशी क्रिकेटर्स भी आते हैं। यहां आकर आप कोई खिलाड़ी नहीं बना सकते।’