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स्पाइसजेट के सीएमडी ने दिया बयान, कहा एयरलाइन्स के नुकसान के लिए इंडिगो जिम्मेदार

भारत में एयरलाइन कंपनियों को ज्यादा मुनाफा नहीं हो रहा है। एयरलाइन कंपनियों का कर्ज और ऑपरेशन कॉस्ट दोनों ही ज्यादा है। अब इस संदर्भ में सस्ती हवाई सेवा उपलब्ध कराने वाली घरेलू विमानन कंपनी स्पाइसजेट के सीएमडी अजय सिंह ने कहा है कि इसके लिए इंडिगो जिम्मेदार है क्योंकि उसने लागत से भी कम में टिकट बेची है।

यात्रियों की संख्या पर निर्भर है किराया

आगे अजय सिंह ने कहा कि एयरलाइन के पास कीमत तय करने की शक्ति नहीं होती। हवाई टिकट विमान में सफर कर रहे लोगों की संख्या पर निर्भर करता है।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत में एयरलाइन्स और टेलिकॉम सेक्टर की हालत लगभग समान है। दोनों सेक्टर्स एक जैसे चल रहे हैं।
रिलायंस जियो ने लागत से भी कम दाम में टैरिफ देना शुरू किया, जिसके बाद अन्य टेलीकॉम कंपनियां मुश्किल में पड़ गईं। एविएशन सेक्टर में किंगफिशरऔर जेट एयरलाइन ठप पड़ गईं। इसलिए एविएशन को टेलीकॉम से सीखना चाहिए ताकि आगे के खतरे से बचा जा सके।

भारत में  घरेलू उड़ानों के लिए ईंधन (एटीएफ) काफी महंगा है। हवाई टिकट के किराए से लागत पूरी नहीं हो पाती है। बड़ी एयरलाइन कंपनियों के पास ज्यादा विमान हैं इसलिए इनको भरने के लिए वे कम किराए का ऑफर देते हैं।

इतना ही नहीं, सिंह ने यह भी कहा कि एयरलाइन कंपनियों को कम से कम किराए से लागत निकलना चाहिए। हालांकि एयरलाइन को ठीक तरह से संचालित करने के लिए और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए किराया बढ़ाना भी आवश्यक है।

स्पाइसजेट को हुआ 
स्पाइसजेट को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 463 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। कंपनी ने बुधवार को बताया कि बोइंग 737 मैक्स विमानों के खड़े होने, खर्च में इजाफे और अकाउंटिंग नियमों में बदलाव का सबसे ज्यादा असर हुआ है। एक साल पहले समान तिमाही में कंपनी को 389.4 करोड़ का घाटा हुआ था।
संचालन राजस्व में भी हुई बढ़ोतरी
कंपनी ने बताया कि संचालन राजस्व बढ़कर इस दौरान 2,845.3 करोड़ पहुंच गया, जो एक साल पहले 1,874.8 करोड़ था। सितंबर तिमाही में घरेलू विमानन उद्योग में नरमी छाई रहने का भी कंपनी की कमाई पर असर हुआ है। अकाउंटिंग नियमों में बदलाव होने से कंपनी के खर्च में भी इजाफा हुआ है।