कारोबार

सरकार जीएसटी स्लैब की संख्या 4 से घटाकर 2 करने पर विचार कर सकती है

जीएसटी पर केंद्र-राज्यों के अधिकारियों की समिति ने सुझाव दिया

अभी 5%, 12%, 18% और 28% के चार स्लैब हैं

 जीएसटी की दरों में संशोधन के प्रस्ताव पर भी विचार

सरकार जीएसटी स्लैब की संख्या 4 से घटाकर 2 करने पर विचार कर सकती है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टमंस (सीबीआईसी) के एक सदस्य ने गोपनीयता की शर्त पर  बताया कि जीएसटी स्लैब की संख्या घटाने की योजना पर विचार चल रहा है। जीएसटी दरों में बदलाव का भी प्रस्ताव है। सरकार इस पर आखिरी फैसला लेगी। जीएसटी काउंसिल एक महीने में संशोधित दरें तय कर सकती है।

कुछ वस्तुओं को 18% से 28% के स्लैब में डालने का प्रस्ताव

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जीएसटी पर केंद्र और राज्यों के अधिकारियों की समिति ने सिफारिश की है कि 10% और 20% के स्लैब बनाए जा सकते हैं, या फिर 18% के स्लैब में शामिल कुछ वस्तुओं को फिर से 28% के स्लैब में डाल देना चाहिए। समिति ने बिहार के उप-मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील मोदी को सोमवार को प्रजेंटेशन दिया था। सुशील मोदी इंटीग्रेटेड जीएसटी (आईजीएसटी) पर मंत्री समूह के अध्यक्ष हैं।

समिति ने रेवेन्यू बढ़ाने के लिए सुझाव दिए

समिति ने इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर की खामियों को दूर कर जीएसटी सिस्टम को आसान बनाने और टैक्स कलेक्शन में कमी से निपटने के लिए यह सुझाव दिए। इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर का आशय यह है कि कुछ सेक्टर में कच्चे माल पर ज्यादा टैक्स लगता है जबकि तैयार उत्पाद पर कम टैक्स लगता है। इससे इनपुट टैक्स क्रेडिट के तहत कारोबारियों को करीब 20,000 करोड़ रुपए रिफंड किए जाते हैं।

समिति के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में जीएसटी कलेक्शन 63,200 करोड़ रुपए घट सकता है। 2021 तक इसमें 2 लाख करोड़ रुपए की कमी आ सकती है। 18 दिसंबर को हुई बैठक में जीएसटी काउंसिल की बैठक में रेवेन्यू बढ़ाने के उपायों पर विचार करने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई थी।

हालांकि, मोदी ने जीएसटी रेट स्ट्रक्चर में बदलाव की संभावना से इनकार कर दिया।उनका कहना था कि यह बदलाव का सही समय नहीं है, क्योंकि अर्थव्यवस्था में सुस्ती की वजह से रेवेन्यू में कमी आई है। उन्होंने भरोसा दिया था कि केंद्र या कोई भी राज्य टैक्स की दरें बढ़ाने के पक्ष में नहीं है।