देवास का एक आम नागरिक और भाजपा का कार्यकर्ता होने के नाते मैं श्री मनोज राजानी को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने देवास की फिक्र तो की। जहां तक मंत्रिमंडल की बात है तो भाजपा नेतृत्व ने सबको साधकर मंत्री बनाया है और यह भाजपा है यहां भाजपा का हर छोटे से कार्यकर्ता की भी पूछपरख होती है, यहां पारदर्शिता से काम होता है। अधिकारियों से और खासकर बहनों से पैर पड़वाने की परंपरा भाजपा में नहीं है। यहां सबको मान सम्मान देते हैं। देवास विधायक श्रीमंत गायत्रीराजे पवार के मंत्री न बनने के कारण राजानीजी इतने विचलित क्यों हो रहे हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि इस तरह के घडिय़ाली आंसू बहाकर वे विधायक को दिखाना चाह रहे हो कि हम भी भीतर से भाजपा के ही हैं। मैं कहना चाहता हूं कि चाहे दिवंगत तुकोजीराव पवार हो या विधायक गायत्रीराजे पवार इनका पॉवर कभी किसी मंत्री से कम नहीं रहा। ये वे लोग हैं जिनके कारण देवास कांग्रेस मुक्त हुआ है। मैं कहना चाहता हूं कि बजाय भाजपा की फिक्र करने के 15 माह की सरकार के दौरान भ्रष्टाचार के जो कीर्तिमान कांग्रेस सरकार ने रचे हैं यदि उस पर भी वे दु:ख जताते तो बड़ी खुशी होती।
जिस नेता के साथ राजनीति के तीन दशक गुजार दिए उन्होंने ही राजानीजी की सुध नहीं ली और , कभी आगे बढऩे नहीं दिया। इस पर भी चिंतन-मनन करते तो अच्छा रहता। जिस पनौती की वे बात कर रहे हैं पहले पता तो लगाएं कि उनका राजनीतिक करियर जो बढऩे नहीं दे रही वह कौनसी पनौती है। राज परिवार की फिक्र हो रही…. कहीं ऐसा तो नहीं कि इसके बहाने से अपनी 15 माह की गलतियों के लिए राज परिवार से क्षमायाचना कर रहे हो।
व्यक्तिगत रूप से मैं श्री मनोज राजानी के लिए चिंतित हूं और प्रार्थना करता हूं कि उन्हें सरकार गिरने के दु:ख को सहने की शक्ति प्रदान करे। …और हां, मेरी इस पोस्ट को राजनीतिक चश्मे से न देखा जाए। देवास शहर का एक नागरिक होने के नाते मैंने अपनी भावना व्यक्त की है।