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गतिरोध खत्म करने के लिए ओली के अधिकारों में कटौती की सिफारिश


नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में जारी टकराव को खत्म करने के लिए 6 सदस्यीय पैनल ने कई उपाय सुझाए हैं. पैनल ने सुझाव दिया है कि पीएम के पी शर्मा ओली को अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा करना चाहिए, जबकि पार्टी के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन पुष्प कमल दहल ‘प्रंचड’ को पार्टी चलाने का पूरा अधिकार होना चाहिए. रविवार को पार्टी के एक वरिष्ठ सदस्य ने ये जानकारी दी है.

 

ओली के अधिकारों में कटौती की सिफारिश 

बता दें कि इस वक्त के पी शर्मा ओली नेपाल के पीएम तो हैं ही साथ ही साथ वे नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष भी है. लेकिन इस पैनल ने कहा है कि ओली बतौर पीएम पांच साल तक अपना कार्यकाल पूरा करें और पार्टी चलाने का अधिकार पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल ‘प्रंचड’ को मिलना चाहिए.

नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (NCP) के गतिरोध को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और प्रचंड ने इस पैनल का गठन 15 अगस्त को किया था. 17 अगस्त को एनसीपी की शक्तिशाली केंद्रीय सचिवालय ने इस पैनल को अपनी सहमति दी थी. इस पैनल का मुखिया पार्टी के महासचिव विष्णु पौडयाल को नियुक्त किया गया था.

माना जा रहा है कि पैनल की सिफारिश पर अमल हुआ तो NCP का आंतरिक कलह खत्म हो सकता है. बता दें कि नेपाल में राजनीतिक घटनाक्रम इस कदर बिगड़े कि प्रंचड और वरिष्ठ पार्टी नेता माधव कुमार नेपाल ने पीएम ओली का इस्तीफा मांगना शुरू कर दिया.

 

ढाई-ढाई साल पीएम रहना था ओली और प्रचंड को

ओली जब ढाई साल पहले 2018 में नेपाल के पीएम बने थे तो उन्होंने और प्रचंड ने एक समझौता किया था जिसके तहत दोनों नेताओं को ढाई-ढाई साल पीएम रहना था.

बता दें कि हाल ही के दिनों में नेपाल के पीएम के पी शर्मा ओली ने भारत विरोधी बयान दिया है. इसके अलावा उन्होंने भारतीय भूभाग कालापानी, लिपूलेख और लिम्पियाधुरा को नेपाल का हिस्सा घोषित कर दिया और नेपाल का नया नक्शा भी जारी कर दिया.

 

ओली के भारत विरोधी कदम का हुआ विरोध

ओली के राजनीतिक कदम भारत के विरोध में जाने लगे. उनके इस कदम का नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी ने ही विरोध किया. प्रचंड समेत एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं ने ओली का इस्तीफा मांगना शुरू कर दिया. प्रचंड ने कहा कि पीएम के भारत विरोधी बयान न ही राजनीतिक रूप से सही हैं और न ही कूटनीतिक रूप से उचित हैं.