सरकार भी इकोनॉमी की पिच पर टीम इंडिया जैसी चमत्कार करना चाहती हैं. इसलिए जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट पेश कर रही थीं तो उनके दिमाग के एक कोने में ये भी चल रहा था कि कैसे टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया में 36 रन पर ऑलआउट होने के बाद सीरीज में जबरदस्त रिकवरी की थी, और अंत में सीरीज पर कब्जा कर लिया.
क्रिकेट में जो टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया में किया, वो किसी चमत्कार से कम नहीं था, लेकिन क्या इकोनॉमी की पिच पर ऐसा चमत्कार संभव है. जब जीडीपी के मोर्चे पर सरकार पहले से ही बैकफुट पर है. हालांकि जानकार भी मान रहे हैं कि इस बार बजट में एक नई कोशिश की गई है, और अगर सही मौके पर सही फैसले लिए गए तो इकोनॉमी की गाड़ी पटरी पर लौट सकती है.
दरअसल, तमाम जानकार बता रहे हैं कि इस बार का बजट उम्मीदों पर कायम है. इसमें जान भी है और जहान भी है. सरकार रिकॉर्डतोड़ राजकोषीय घाटे से बाहर निकलने के लिए जीतोड़ कोशिश कर रही है. कोरोना काल में अर्थव्यवस्था को जो झटका लगा है, उसकी तस्वीर सबसे सामने है. फिलहाल रेवेन्यू घटने से सरकार के खजाने पर भारी दबाव है और इससे निपटने के लिए टीम इंडिया की तरह कुछ सख्त और अलग कदम उठाने की जरूरत है.