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ऑल इंग्लैंड चैम्पियनशिप: सिंधु के लिए खिताब जीतने का सुनहरा मौका

वर्ल्ड चैम्पियन पीवी सिंधु स्विस ओपन फाइनल में मिली हार को भुलाकर बुधवार से शुरू हो रही ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैम्पियनशिप में सितारों की गैरमौजूदगी का फायदा उठाकर खिताब जीतने की कोशिश करेंगी.

वर्ल्ड चैम्पियन पीवी सिंधु स्विस ओपन फाइनल में मिली हार को भुलाकर बुधवार से बर्मिंघम में शुरू हो रही ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैम्पियनशिप में सितारों की गैरमौजूदगी का फायदा उठाकर खिताब जीतने की कोशिश करेंगी. सिंधु को स्विस ओपन फाइनल में स्पेन की कैरालिना मारिन ने एकतरफा मुकाबले में हराया था. तीन बार की विश्व चैम्पियन मारिन ने चोट के कारण इस टूर्नामेंट से नाम वापस ले लिया है.

चीन, कोरिया और चीनी ताइपे के खिलाड़ी भी इस सुपर 1000 टूर्नामेंट में नहीं खेलेंगे, जो टोक्यो ओलंपिक क्वालिफिकेशन दौर का हिस्सा नहीं हैं. इससे टूर्नामेंट कुछ बेरौनक हो गया है, लेकिन इससे भारत के 19 सदस्यीय दल को बेहतर प्रदर्शन करने का मौका मिला है. भारत के लिए प्रकाश पादुकोण (1980) और पुलेला गोपीचंद (2001) के अलावा यहां कोई खिताब नहीं जीत सका है. दुनिया की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी साइना नेहवाल 2015 में उपविजेता रही थीं.

सिंधु यहां 2018 में सेमीफाइनल तक पहुंचीं, लेकिन उनके अलावा कोई और भारतीय आगे नहीं बढ़ सका. ओलंपिक रजत पदक विजेता सिंधु एक बार फिर खिताब की प्रबल दावेदार होंगी, लेकिन साइना अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं हैं. वह पिछले दो साल में सिर्फ दो बार क्वार्टर फाइनल तक ही पहुंच सकीं.

अन्य भारतीयों में दुनिया के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी किदाम्बी श्रीकांत और युगल वर्ग में सात्विक साइराज रांकिरेड्डी तथा चिराग शेट्टी ने स्विस ओपन में अच्छा प्रदर्शन किया और वे इस लय को कायम रखना चाहेंगे.

पांचवीं वरीयता प्राप्त सिंधु का सामना पहले दौर में मलेशिया की सोनिया चिया से होगा, जबकि क्वार्टर फाइनल में वह जापान की अकाने यामागुची से भिड़ सकती हैं. लंदन ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साइना का सामना पहले दौर में सातवीं वरीयता प्राप्त डेनमार्क की मिया ब्लिचफेल्ट से होगा.