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दीपेंद्र हुड्डा ने सुनाया तुलसी का दोहा तो तिलमिला उठे सत्ता पक्ष के सांसद

कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने राज्यसभा में पेट्रोल-डीजल के विषयों पर बोलते हुए सरकार को जमकर घेरा. इस दौरान उन्होंने गोस्वामी तुलसीदास के एक दोहे का सहारा लिया और राम राज्य की कल्पना को दर्शाते हुए कर वसूली को लेकर तंज कसा.

कोरोना काल के मुश्किल वक्त के बीच देश में पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं. आम आदमी की बढ़ती इस परेशानी का मसला बुधवार को देश की संसद के उच्च सदन में गूंजा. हरियाणा के नेता और कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने राज्यसभा में इस मसले पर सरकार को घेरा, साथ ही गोस्वामी तुलसीदास का एक दोहा भी सुनाया जो कि सत्ता पक्ष को कुछ खास रास नहीं आया.

हुड्डा ने सुनाया तुलसीदास का दोहा…

पेट्रोल-डीजल पर वसूले जा रहे टैक्स को लेकर दीपेंद्र हुड्डा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा, ‘राजस्व और व्यय को लेकर गोस्वामी तुलसीदास ने रामायण के अंदर राम राज्य की कल्पना की थी तो कुछ ऐसा लिखा कि जो हमारे काम आ सकते हैं.’

दीपेंद्र हुड्डा ने सदन में तुलसीदास के ‘बरसत हरषत लोग सब करषत लखै न कोइ, तुलसी प्रजा सुभाग ते भूप भानु सो होइ’ दोहे को सुनाया. साथ ही कहा कि राम राज्य की कल्पना करते हुए तुलसीदास ने कहा कि जब राजा को कर लेना हो तो ऐसे लेना चाहिए तो ऐसे लेना चाहिए जैसे सूर्य नदी से लेता है और कुछ देना हो तो ऐसे दे कि हर कोई खुश हो जाए.

केंद्र पर जमकर बरसे कांग्रेस नेता…

कांग्रेस नेता ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आपकी नीति इस दोहे से बिल्कुल अलग है, आप जब कर लेते हैं तो ऐसे लेते हैं कि रिकॉर्ड बन जाते हैं. गैस-पेट्रोल-डीजल के ऊपर आप दुनिया में सबसे अधिक कर ले रहे हैं, कुछ देना होता है तो ऐसे देते हैं जैसे कोरोना काल में 20 लाख करोड़ का पैकेज दिया जो किसी को पता नहीं लगा कि कहां गया.

दीपेंद्र हुड्डा जब ये कहते हुए सरकार पर निशाना साध रहे थे, तब सत्ता पक्ष की ओर से उनका जमकर विरोध किया गया और सदन में हंगामा भी हुआ. लेकिन दीपेंद्र हुड्डा लगातार सरकार पर बरसते रहे.

राज्यसभा में कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि किसान की आय दोगुना करने का वादा किया गया, लेकिन उसका कोई असर नहीं दिख रहा है. देश में टैक्स भरने की संख्या भले ही बढ़ रही हो, लेकिन जीडीपी में डिमांड नहीं है क्योंकि आम आदमी की जेब में कुछ पैसा बच ही नहीं रहा है. दरअसल, जब सदन में वित्त विधेयक-2021 पर चर्चा हुई तब दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार पर ये वार किया.