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गंगूबाई काठियावाड़ी: संजय लीला भंसाली और आलिया भट्ट को कोर्ट ने भेजा समन

यह समन क्रिमिनल मानहानि केस के तहत भेजा गया है, जिसे बाबू रावजी शाह नाम के शख्स ने दर्ज करवाया था. बाबू अपने आप को गंगूबाई काठियावाड़ी का गोद लिया बेटा बताता है. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी में उनके परिवार की बदनामी हो रही है. उन्होंने यह भी कहा है कि यह किताब में लिखी बात सत्य नहीं है, बल्कि किताब झूठे तथ्यों पर आधारित है. भंसाली की फिल्म किताब ओर आधारित है और इसलिए इसके खिलाफ भी मानहानि का मामला हुआ है.

फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी की मुसीबतें समय के साथ बढ़ती जा रही हैं. इस फिल्म को लेकर लगातार विरोध तो जताया जा ही रहा है, साथ ही ये कानूनी पचड़े में भी फंसी हुई है. अब मुंबई की एक चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने इस फिल्म की लीड एक्ट्रेस आलिया भट्ट, निर्देशक संजय लीला भंसाली और दो उपन्यास लेखकों के नाम समन जारी किया है. इन सभी से 21 मई को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है.

गंगूबाई के ‘बेटे’ ने दर्ज की शिकायत

यह समन क्रिमिनल मानहानि केस के तहत भेजा गया है, जिसे बाबू रावजी शाह नाम के शख्स ने दर्ज करवाया था. बाबू अपने आप को गंगूबाई काठियावाड़ी का गोद लिया बेटा बताता है. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी में उनके परिवार की बदनामी हो रही है. उन्होंने यह भी कहा है कि यह किताब में लिखी बात सत्य नहीं है, बल्कि किताब झूठे तथ्यों पर आधारित है. भंसाली की फिल्म किताब ओर आधारित है और इसलिए इसके खिलाफ भी मानहानि का मामला हुआ है.

इससे पहले बाबू रावजी शाह मुंबई के सेशंस कोर्ट गए थे और किताब के लेखकों के खिलाफ निरोधक आदेश जारी करने की मांग की थी. साथ ही फिल्म के प्रोमो और ट्रेलर को रोकने के लिए भी गुहार लगाई थी. कोर्ट का कहना था कि ऐसा नहीं किया जा सकता क्योंकि किताब 2011 में रिलीज हुई थी और इसके खिलाफ शिकायत 2020 में दर्ज करवाई गई है.

इस वजह से सेशंस कोर्ट ने खारिज किया था मामला

इसके अलावा शाह इस बात का कोई प्रमाण नहीं दे पाए थे कि वह सही में गंगूबाई के गोद लिए बेटे हैं और उन्हें कैसे कानूनी तौर पर गोद लिया गया था. फिल्म के मेकर्स और लेखकों ने यह बात भी सामने रखी थी कि कैसे परिवार के अन्य सदस्यों के साथ शाह को नहीं देखा गया है और किताब के मुताबिक उन्होंने परिवार का बुरा किया है. बाबू रावजी शाह की दलील के खारिज होने के बाद उन्होंने क्रिमिनल एक्शन में फिल्म मेकर्स और लेखकों के खिलाफ परिवार की मानहानि का मुकदमा दायर किया था.

मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मानी शाह की बात

कोर्ट ने ये बात मानी थी कि बाबू रावजी शाह और उनके परिवार को किताब और फिल्म के प्रोमो की वजह से मानसिक परेशानी से गुजरना पड़ा है. इस बात के साथ शाह ने अपनी 11 दिसंबर 2020 को नागपाड़ा थाने में दर्ज करवाई शिकायत को भी सामने रखा था. इस शिकायत के मुताबिक सभी आरोपियों को नोटिस भेजा गया था और उनमें से एक ने ही इसका जवाब दिया था.

शाह की शिकायत को देखने के बाद कोर्ट ने फैसला किया था कि उनके पास मामले को आगे ले जाने के लिए भरपूर मुद्दा है और सभी आरोपी इंडियन पीनल कोड के सेक्शन 34 के साथ सेक्शन 500, 501 और 502 के तहत दंड के लायक हैं. इसी के चलते मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आलिया, भंसाली और लेखकों को समन भेजा है और सभी को 21 मई को कोर्ट के सामने पेश होने को कहा है.