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कोविड के इलाज में ‘कैशलेस’ दावों से इनकार नहीं कर सकती बीमा कंपनी, वित्त मंत्री ने दी चेतावनी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने IRDAI के चेयरमैन एस सी खुंटिया से बीमा कंपनियों द्वारा ‘कैशलेस’ क्लेम से खारिज किये जाने की शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई करने को कहा.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की है कि कई बीमा कंपनियां कोविड-19 के इलाज के लिए कैशलेस सुविधा नहीं दे रही हैं. उन्होंने भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) के चेयरमैन एस सी खुंटिया से बीमा कंपनियों द्वारा ‘कैशलेस’ क्लेम से खारिज किये जाने की शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई करने को कहा.

क्या कहा वित्त मंत्री ने

वित्त मंत्री ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि कहा कि बीमा कंपनियों ने 8,642 करोड़ रुपये के कोविड से जुड़े नौ लाख से अधिक क्लेम का निपटान किया है. लेकिन ‘यह रिपोर्ट मिल रही है कि कुछ अस्पताल कैशलेस बीमा से मना कर रहे हैं. IRDAI के चेयरमैन एस सी खुंटिया से बात कर इस पर तुरंत कदम उठाने को कहा है.‘

गौरतलब है कि मार्च, 2020 में कोविड को व्यापक स्वास्थ्य बीमा में शामिल किया गया. वित्त मंत्री ने कहा कि नियम के मुताबिक कैशलेस सुविधा नेटवर्क अस्पतालों के साथ-साथ अस्थायी अस्पतालों में भी उपलब्ध है.

उन्होंने कहा कि भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने बीमा कंपनियों से कोविड दावों का निपटान प्राथमिकता के आधार पर करने को कहा है.

सीतारमण ने यह भी कहा, ‘‘बीमा कंपनियों ने 8,642 करोड़ रुपये के कोविड से जुड़े 9 लाख से अधिक दावों का निपटान किया है. यहां तक कि फोन पर परामर्श को भी कवर किया जा सकता है. IRDAI कंपनियों को निर्देश देगा कि वे कोविड मामलों की स्वीकृति और निपटान प्राथमिकता के आधार पर करें.

IRDAI ने भी साफ किया

‘कैशलेस’ सुविधा की मंजूरी नहीं मिलने की रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए IRDAI ने कहा है कि यह स्पष्ट किया जाता है कि जिन मामलों में बीमा कंपनियों की अस्पतालों के साथ कैशलेस सुविधा को लेकर व्यवस्था है, वैसे नेटवर्क वाले अस्पताल कोविड समेत सभी प्रकार के इलाज ‘कैशलेस’ करने के लिये बाध्य हैं.

IRDAI के इस स्पष्टीकरण का साफ मतलब है कि अगर कोई अस्पताल किसी मरीज को तमाम बीमारियों में कैशलेस ट्रीटमेंट की सुविधा दे रहा है, जो कोरोना में भी उसे ऐसा ही करना होगा.