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लखनऊः शराब व्यापारियों ने सीएम को लिखी चिट्ठी, मांगी दुकान खोलने की इजाजत

यूपी में लागू करोना कर्फ्यू के कारण शराब की दुकानें बंद हैं. शराब की दुकानें बंद करने का शासन की ओर से जारी शासनादेश में कोई उल्लेख नहीं किया गया है और ना ही आबकारी विभाग के अधिकारियों की ओर से ही लाइसेंस धारकों को दुकान बंद करने का कोई आदेश मिला है.

यूपी में कोरोना के तेजी से बढ़ते संक्रमण के कारण कोरोना कर्फ्यू लागू है. यूपी सरकार ने पाबंदियां 17 मई की सुबह तक बढ़ा दी हैं. पाबंदियों के कारण शराब की दुकानें बंद हैं. अब यूपी की राजधानी लखनऊ के शराब व्यावसायियों ने पाबंदियों के बीच शराब की दुकानें खोलने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है. शराब व्यावसायियों की ओर से लिखे गए पत्र में हर रोज 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के नुकसान का हवाला दिया गया है और दुकानें खोलने की अनुमति देने की अपील की गई है.

जानकारी के मुताबिक लखनऊ सहित यूपी में कोरोना संकमण को देखते हुए सरकार ने कोरोना कर्फ्यू लगाया हुआ है जिसके चलते शराब की दुकानें भी बंद हैं. शराब व्यावसायियों ने सीएम योगी आदित्य नाथ को पत्र लिख कर बंद पड़ी शराब की दुकानें खोलने की इजाजत देने की मांग की है. सीएम को यह पत्र शराब विक्रेता वेलफेयर एसोसिएशन (यूपी) की ओर से लिखा गया है.

एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री कन्हैया लाल मौर्य के मुताबिक यूपी में लागू करोना कर्फ्यू के कारण शराब की दुकानें बंद हैं. उन्होंने कहा कि शराब की दुकानें बंद करने का शासन की ओर से जारी शासनादेश में कोई उल्लेख नहीं किया गया है और ना ही आबकारी विभाग के अधिकारियों की ओर से ही लाइसेंस धारकों को दुकान बंद करने का कोई आदेश मिला है.

उन्होंने कहा कि इससे शराब की दुकानों के लाइसेंसधारकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. कन्हैया लाल मौर्य ने कहा कि पूरे प्रदेश के शराब कारोबारी दुकानें खोलने की अनुमति देने की मांग प्रदेश सरकार से कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि शराब की दुकानें बंद होने से यूपी में रोजाना 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि दुकानें बंद होने से निर्धारित मासिक कोटा और लाइसेंस फीस की चिंता भी सता रही है.

शराब विक्रेता वेलफेयर एसोसिएशन (यूपी) के प्रदेश महामंत्री ने कहा कि शराब की दुकानें खोलने की अनुमति के लिए मुख्यमंत्री, आबकारी सचिव और आबकारी आयुक्त को पत्र लिखा गया है. गौरतलब है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण कई राज्यों ने सख्त पाबंदियां लागू की हैं. कुछ राज्यों ने शराब को भी जरूरी सेवाओं में शामिल किया है जिससे दुकानें खुली रखी जा सकें. इसे लेकर विवाद भी हुए.