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सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट: कंपनी ने HC में बताया- साइट पर ही वर्कर्स के रुकने की व्यवस्था

दिल्ली हाईकोर्ट में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट से जुड़े शापूरजी पालोनजी ग्रुप ने जानकारी दी है कि इस प्रोजेक्ट पर काम करने वाले वर्कर्स के प्रोजेक्ट साइट पर ही रुकने की व्यवस्था की गई है, ताकि उन्हें बार-बार ट्रैवल ना करना पड़े.

कोरोना वायरस संकट के बीच राजधानी दिल्ली में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर काम जारी है. इस काम पर विवाद हो रहा है, ऐसे में कंस्ट्रक्शन को रोकने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. अदालत में इस प्रोजेक्ट से जुड़े शापूरजी पालोनजी ग्रुप ने जानकारी दी है कि इस प्रोजेक्ट पर काम करने वाले वर्कर्स के प्रोजेक्ट साइट पर ही रुकने की व्यवस्था की गई है, ताकि उन्हें बार-बार ट्रैवल ना करना पड़े.

शापूरजी पालोनजी ग्रुप द्वारा हाईकोर्ट में दिए गए हलफनामे के मुताबिक, शुरुआत में साइट पर 250 लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई थी, लेकिन अब ये संख्या 280 तक पहुंच गई है. कंपनी के मुताबिक, इसकी वजह से किसी भी वर्कर को सराय काले खां वाले कैंप से ट्रैवल करने की ज़रूरत नहीं है.

कंपनी ने तर्क दिया है कि अब अगर प्रोजेक्ट शुरू हो गया है, तो उसे आसानी से रोका नहीं जा सकता है क्योंकि उससे कई प्रकार की मुश्किलें पैदा होंगी. साइट पर ऐसे कई स्थान हैं, जहां पर लगातार काम करना जरूरी है वरना प्री-मॉनसून और मॉनसून सीज़न में गंदा पानी आसपास के इलाके में मलेरिया, डेंगू और अन्य बीमारियों का कारण बन सकता है.

कंपनी की ओर से इससे पहले भी जानकारी दी गई थी कि साइट पर काम करने वाले वर्कर्स को मेडिकल सुविधाएं दी जा रही हैं, उनका कोरोना टेस्ट करवाया गया है. और सारा काम गाइडलाइन्स के मुताबिक ही किया जा रहा है.

आपको बता दें कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत इंडिया गेट के आसपास के पूरे इलाके का सौंदर्यीकरण होना है, साथ ही केंद्र सरकार के कामकाज से जुड़े नए दफ्तरों का निर्माण होना है. महामारी के वक्त जब लोग इलाज के लिए तड़प रहे हैं, ऐसे वक्त में इस प्रोजेक्ट पर काम करने को लेकर विपक्ष ने आपत्ति जताई थी. हाईकोर्ट में भी प्रोजेक्ट को रोकने के लिए याचिका दायर की गई है.