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पीड़ितों की गुहार… लेकिन अबतक न कोई पूछताछ, ना ही कोई गिरफ्तार!

लखीमपुर खीरी कांड में चार किसानों समेत आठ लोगों ने जान गंवाई. लेकिन अबतक ना किसी से पूछताछ हुई है, ना ही गिरफ्तारी. पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं.

लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri Incident) में रविवार को किसानों के प्रदर्शन के दौरान 8 लोगों की मौत के बाद राजनीति तो जमकर हो रही है, लेकिन न्याय की तरफ कोई ठोस कदम बढ़ता नहीं दिख रहा है. राजनेता पीड़ित परिवारों से मिल रहे हैं, प्रशासन द्वारा ठोस जांच का भरोसा दिया जा रहा है, लेकिन अबतक जो वीडियो-सबूत आए हैं, या FIR दर्ज हुई हैं. उनके आधार पर गिरफ्तारी तो दूर, अभी पूछताछ तक नहीं हुई है.

इस बीच बुधवार रात को एक नया वीडियो सामने आया. यह वीडियो उस वक्त का ही है जब थार गाड़ी ने किसानों को कुचला. इस वीडियो का कुछ हिस्सा पहले भी सामने आया था, जिसको लेकर विपक्षी दलों ने सरकार को निशाने पर लिया था. ताजा वीडियो पहले के मुकाबले ज्यादा लंबा और साफ है. इसमें दिख रहा है कि किस तरह कार तेजी से आई और किसानों को कुचलते हुए आगे बढ़ गई. लेकिन फिर कार खुद भी आगे जाकर रुक गई, जिसके पीछे लाठी-डंडे लेकर प्रदर्शनकारी किसान भागते दिखते हैं.

इससे पहले एक चश्मदीद का भी वीडियो आया था. वह बोल रहा था कि हमारे आगे वाली गाड़ी किसानों को रौंदती हुई जा रही थी. ये शख्स किसानो को कुचलने वाली थार के पीछे जा रही काले रंग की फॉरचुनर में सवार था. शख्स ने बताया कि मैं पीछे बैठा था, और थार में ‘भैया’ बैठे थे.

यूपी सरकार ने रविवार को हादसे के बाद राजनेताओं के लखीमपुर जाने पर रोक लगाई थी, जिसको बुधवार को हटा दिया गया. इसके बाद काफी दिनभर चले हाई वोल्टेज ड्रामा के बाद रात को आखिरकार राहुल-प्रियंका लखीमपुर पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मिले. आज अखिलेश यादव, सतीश चंद्र मिश्रा लखीमपुर पहुंच रहे हैं.

मृतक किसानों के परिवारों को सरकार की तरफ से 45-45 लाख रुपये की आर्थिक मदद, परिवार से एक-एक शख्स को सरकारी नौकरी की बात तो कही गई है लेकिन परिवारों को न्याय की दरकार है. पीड़ित परिवार बार-बार यही बात दोहरा रहे हैं कि मुआवजा उनके बच्चों को वापस नहीं ला सकता.

अबतक पूछताछ-गिरफ्तारी नहीं

लखीमपुर खीरी कांड में 4 किसानों सहित कुल 8 लोगों ने जांन गंवाई, लेकिन अबतक ना ही किसी की गिरफ्तारी हुई है और ना ही किसी से पूछताछ. पुलिस इसलिए घेरे में है क्योंकि मामला हत्या का यानी 302 का बनता है, जिसमें गिरफ्तारी तय होती है. लेकिन अबतक ऐसा हुआ नहीं है.

घटना में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा का नाम आया था. आरोप है कि आशीष मिश्रा ही वह गाड़ी चला रहे थे. सभी तरफ से घिरने, विपक्ष द्वारा इस्तीफे की मांग के बीच अजय मिश्रा ने दोहराया है कि वह इस्तीफा नहीं देंगे. वह कल दिल्ली जाकर गृह मंत्री अमित शाह से भी मिले. उनका कहना है कि बेटा आशीष घटना वाली जगह पर था ही नहीं, अगर उसकी वहां मौजूदगी का कोई भी प्रमाण मिल जाएगा तो वह इस्तीफा दे देंगे.

बुधवार को ऐसी भी खबरें थीं कि आशीष मिश्रा जिनका FIR में नाम है वह खुद सरेंडर कर सकते हैं. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. आशीष से अबतक कोई पूछताछ नहीं हुई है. वह आजतक से बात करते हुए यह तक कह चुके हैं कि उनको उनके खिलाफ दर्ज FIR की जानकारी नहीं है.