मणिपुर में माओवादी हमले में शहीद कर्नल विप्लव और उनकी पत्नी अनुजा के साथ पांच वर्षीय बेटे अबीर का सोमवार को अंतिम संस्कार किया गया. लोगों ने शहीद विप्लव व उनकी पत्नी व बेटे को नम आंखों से श्रद्वांजलि देते हुए रायगढ़ के शेर को विदाई दी.
मणिपुर में माओवादी हमले में शहीद कर्नल विप्लव और उनकी पत्नी अनुजा के साथ पांच वर्षीय बेटे अबीर का पार्थिव शरीर सोमवार दोपहर करीब एक बजे इंफाल से वायुसेना के विशेष विमान से जिंदल हवाई पट्टी पर पहुंचा. उसके बाद नेताओं सहित सेना के अधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित करके पार्थिव शरीर को शहीद विप्लव के घर भेजा.
इस अवसर पर हजारों की संख्या में लोग जिंदल एयरपोर्ट पर पहुंच गए और वीर शहीद विप्लव व उनकी पत्नी व बेटे को नम आंखों से श्रद्वांजलि देते हुए रायगढ़ के शेर को विदाई दी. शहर के हर चौक चौराहों पर दुकानें व ऑफिस बंद करके अपने वीर सिपाही को श्रद्वांजलि देने के लिए फूल मालाएं व फूलों की बरसा करते हुए अंतिम विदाई दी.
पांच किलोमीटर लंबे अंतिम सफर में जगह-जगह हजारों की भीड़ ने शहीद कर्नल विप्लव को नम आंखों से याद करके माओवादियों के कायराना हरकतों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वीर सपूत विप्लव अमर रहे के नारे लगाए. श्रद्वांजलि देने के लिए छत्तीसगढ़ शासन की तरफ से उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल रायगढ़ पहुंचे.
उन्होंने रामलीला मैदान में शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद कहा कि शहीद कर्नल विप्लव की कुर्बानी को देखकर अपनों को खोने का गम क्या है, उनसे ज्यादा कौन समझ सकता है. बातचीत के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि अब समय आ गया है, ऐसे हमलों का जवाब उसी अंदाज में देना चाहिए.
उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने तीनों को अपनी श्रद्वांजलि अर्पित करते हुए यह भी कहा कि उनकी कुर्बानी जाया नहीं जाएगी, चूंकि अब वक्त आ गया है कि राज्य व केन्द्र सरकार मिलकर कड़ी से कड़ी कार्रवाई दोषियों के खिलाफ करे.
शहर के सभी प्रमुख मार्ग व चौक चौराहों से होते हुए तीनों का पार्थिव शरीर सर्किट हाउस के पास स्थित मुक्तिधाम पहुंचा, जहां गार्ड ऑफ आनर के बाद शहीद विप्लव के छोटे भाई असम रायफल्स के लेफ्टिनेंट कर्नल अनय त्रिपाठी ने अपने बड़े भाई व भाभी को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया. उसके बाद पांच वर्षीय भतीजे अबीर को दफना कर अंतिम क्रिया क्रम किया.









