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मोदी सरकार बजट में कर सकती है सरप्राइज, क्या इस बार पूरी होगी सबसे बड़ी मांग?

नौकरी-पेशा लोगों को हमेशा बजट से आयकर (Income Tax) में छूट की उम्मीद रहती है. इस बार भी उम्मीदें हैं. जानकार मान रहे हैं कि मोदी सरकार आयकर के मोर्चे पर आम आदमी में बड़ी राहत दे सकती है.

देश के आम बजट (Budget-2022) से हर वर्ग को उम्मीदें होती हैं. व्यापारी व्यापार में राहत चाहता है तो आम आदमी को महंगाई (Inflation) से राहत मिलने की उम्मीद रहती है. सबसे ज्यादा नौकरी-पेशा लोगों को बजट से आयकर (Income Tax) में छूट की उम्मीद रहती है. कई बार मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने फैसले से लोगों को हैरान किया है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) एक फरवरी 2022 को अपना चौथा केंद्रीय बजट पेश करने वाली हैं. कामकाजी लोग लगातार सरकार से इनकम टैक्स (Income Tax) में छूट की मांग कर रहे हैं, उन्हें उम्मीद है कि इस बार उनकी ये मांगें पूरी हो सकती हैं. ANI की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार इस बार बजट में टैक्स स्लैब (Tax Slab) में बदलाव कर टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को राहत दे सकती है.

साल-2014 में हुआ था बदलाव 

दरअसल, आम आदमी को आयकर में छूट मिले करीब 8 साल हो चुके हैं. मोदी सरकार ने साल 2014 में आयकर छूट की सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दी थी. तब वित्त मंत्री अरुण जेटली थे. जबकि 60 वर्ष से ज्यादा और 80 वर्ष से कम उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख से रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई थी.

जानकार भी अनुमान लगा रहे हैं कि सरकार इस बार बजट में करदाताओं को बड़ी राहत दे सकती है. इस राहत में मूल आयकर छूट सीमा को 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख तक करने का ऐलान हो सकता है. जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए मौजूदा 3 लाख से बढ़ाकर 3.5 लाख करने की संभावना है. यही नहीं, शीर्ष आय स्लैब को भी मौजूदा 15 लाख से ऊपर संशोधित किए जाने की संभावना है.

फिलहाल टैक्सपेयर्स के पास दो विकल्प

हालांकि बजट- 2020 में केंद्र सरकार ने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की है. नई टैक्स व्यवस्था के तहत, टैक्स छूट और कटौती को छोड़ने के इच्छुक लोगों के लिए टैक्स की दरें कम कर दी गई हैं. नई टैक्स व्यवस्था के तहत 2.5 से 5 लाख के बीच की आय पर 5 प्रतिशत की दर से टैक्स लगता है. पुरानी व्यवस्था के तहत 5 लाख से 7.5 लाख तक की पर्सनल इनकम पर 20 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाया जाता है, जबकि नई व्यवस्था के तहत टैक्स की दर 10 फीसदी है. वहीं पुरानी व्यवस्था में 7.5 लाख से 10 लाख के बीच की आय पर 20 प्रतिशत की दर से कर लगता है, जबकि नई व्यवस्था में कर की दर 15 फीसदी है.

नया आयकर स्लैब (New Tax Slab):

0 से 2.5 लाख तक- 0%

2.5 से 5 लाख तक- 5%

5 लाख से 7.5 लाख तक-10%

7.50 लाख से 10 लाख तक- 15%

10 लाख से 12.50 लाख तक- 20%

12.50 लाख से 15 लाख-  25%

15 लाख ऊपर आमदनी पर- 30 फीसदी

पुराना आयकर स्लैब (Old Tax Slab):

2.5 लाख तक- 0%

2.5 लाख से 5 लाख तक- 5%

5 लाख से 10 लाख तक- 20%

10 लाख से ऊपर- 30%