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कोरोना काल में काम हुआ बंद, यूट्यूब से सीखकर छापने लगा नकली नोट

पुलिस ने नकली नोट छापने वाले छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मुख्य आरोपी अविनाश पुष्पद ने बताया कि कोरोना काल में उसका काम बंद हो गया था. फिर उसने यूट्यूब से नकली नोट छापने का तरीका ढूंढा और कलर प्रिंटर के जरिए 200, 200 रुपये के नकली नोट छापने लगा.

मध्य प्रदेश के राजगढ़ से घर पर ही कलर प्रिंटर के जरिए नकली नोट छापने का मामला सामने आया है. पुलिस ने इस मामले में दबिश देकर छह आरोपियों को गिरफ्तार किया. साथ ही पुलिस ने इनके पास से 30 हजार रुपये के नकली नोट और एक प्रिंटर बरामद किया है. पुलिस की पूछताछ में मास्टरमाइंड आरोपी अविनाश ने स्वीकार किया, वो नकली नोट छापता था. कुछ दिन पहले खिलचीपुर पुलिस ने जैतपुरा खुर्द गांव से नकली नोट बाजार में चलाने की फिराक में घूम रहे तीन आरोपी को अजय पुष्पद, राजू पुष्पद, सूरज वर्मा आरोपियों को गिरफ्तार किया था.

गिरफ्तार हुए इन तीन आरोपियों से पुलिस ने पूछताछ की तो इस गैंग के मुख्य आरोपी के बार में कई अहम जानकारी मिलीं. बुधवार को खिलचीपुर पुलिस ने जाल बिछाकर आगर के नलखेड़ा से जाली नोट छापने वाले गिरोह के सरगना मास्टरमाइंड अविनाश पुष्पद (30) के घर सुबह अचानक दबिश दी. जहां से पुलिस को कलर प्रिंटर और 10 हजार रुपये के नकली नोट बरामद किए. अबतक आरोपियों के पास से 40 हजार के नकली नोट जब्त किए हैं.

पुलिस ने बताया कि नकली नोट छापने वाले मास्टर माइंड अविनाश पुष्पद नलखेड़ा में ड्राइवर था. कोरोना की वजह से उसका काम बंद हो गया और दिन पर दिन उस पर कर्ज बढ़ने लगा. फिर उसने यूट्यूब ने नकली नोट छापने की तकनीक सीखी और कलर प्रिंटर से 200 रुपये नकली नोट छापने शुरू कर दिए. लेकिन बाजार में इन नकली नोटों को चलाने की उसकी हिम्मत नहीं हुई.

फिर उसने इस काम में सारंगपुर में अपनी मौसी के लड़के अनिल पुष्पद को अपने साथ शामिल किया. अनिल ने सारंगपुर के अपने पड़ोस में रहने वाले सुरेश वर्मा, अजय, राजू, सूरज को लालच देकर अपने गिरोह में शामिल कर नोट को चलाने के लिए पहला प्रयास किया