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36 लाख का समन, जान देने की टेंडेंसी… गोरखनाथ मंदिर के हमलावर के पिता ने किए ये खुलासे

गोरखनाथ मंदिर के बाहर पुलिसकर्मियों पर हमला करने वाले अहमद मुर्तजा अब्बासी के पिता मुनीर अब्बासी ने अपने बेटे को लेकर कई खुलासे किए. उनका कहना है कि दो दिन पहले दो पुलिसकर्मी घर आए थे और 36 लाख का समन दिया था, जिससे मेरा बेटा डिप्रेशन में था.

गोरखपुर की सबसे सुरक्षित जगहों में से एक है गोरखनाथ मंदिर. मगर इसी मंदिर परिसर में जो हुआ, उसने सबको हैरान कर दिया. रविवार देर शाम गोरखनाथ मंदिर में एक शख्स धारदार हथियार के साथ पहुंचा और उसने सुरक्षाकर्मियों पर हमला बोल दिया. अहमद मुर्तजा अब्बासी नाम के इस हमलावर की तस्वीरें जिसने भी देखी वो सन्न रह गया.

अब इस हमले की पड़ताल शुरु हो गई और उत्तर प्रदेश पुलिस को आतंकी कनेक्शन दिखने लगा है. इस बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी गोरखपुर पहुंचे और अस्पताल जाकर घायल पुलिसकर्मियों से मुलाकात की. उधर यूपी की पुलिस कहती है कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि ये आतंकी साजिश हो.

‘2018 में बीमारी ने लिया भयानक रूप’

आतंकी कनेक्शन की बात आते ही गोरखनाथ मंदिर पर तैनात पुलिसकर्मियों पर हमले के आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी के पिता मुनीर अब्बासी ने आजतक से बातचीत में अपने बेटे को मानसिक रोगी बताया. उन्होंने कहा कि बचपन से ही वह बीमार था, जिसको हम नहीं समझ पाए लेकिन 2018 में आते-आते इस बीमारी ने भयानक रूप ले लिया.

जामनगर, अहमदाबाद में हुआ इलाज

मुनीर अब्बासी ने बताया, ‘नौकरी के दौरान भी महीने-महीने बिना सूचना के कमरे में पड़ा रहता था. नौकरी पर नहीं जाता था. हमने इसका इलाज जामनगर, अहमदाबाद में भी करवाया. वह अकेले नहीं रह सकता है, बिल्कुल स्टेबल नहीं है. अक्टूबर 2020 में हम लौटकर गोरखपुर आए थे. हमारे साथ ही कमरे में सोता है.’

कोयंबटूर में नाना-नानी के घर गया था मुर्तजा

आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी के पिता मुनीर अब्बासी ने कहा, ‘मैं 28 मार्च को मुंबई गया था, वहां हमारा फ्लैट है उसको किराए पर उठाने के लिए गया था. 2 अप्रैल को मैं इंडिगो की फ्लाइट से वापस आया था. उसके पास से बरामद बैग में मेरे ही बोर्डिंग के पास लगे हैं. हम कुछ दिन पहले तमिलनाडु के कोयंबटूर इनके नानी नाना के यहां गए थे.’

‘शुरू से ही सुसाइडल टेंडेंसी रही है’

पिता मुनीर अब्बासी ने कहा, ‘उसकी शुरू से सुसाइडल टेंडेंसी थी. मैंने साइकिल दिलाई तो कहता था कि मन करता है कभी कार से लड़ा दूं. लगता है वह अपनी जान देने के लिए वहां गया था. जो लैपटॉप बरामद हुआ है, उसको खरीदा गया है. उसके लिए 1 लाख रुपये मैंने दिया है. 94000 हजार उसने दिए हैं, जो ऑनलाइन मंगाया है. यह सब रिकॉर्ड में है.’

‘उसके साथ सहानुभूति पूर्वक रवैया अपनाए सरकार’

आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी के पिता मुनीर अब्बासी ने बताया, ‘अहमद मुर्तजा अब्बासी महीनों लैपटॉप नहीं चलाता था. छूता नहीं था. मेरे बेटे ने जो किया है, वह अच्छा काम नहीं किया है. बस सरकार उसके साथ सहानुभूति पूर्वक रवैया अपनाएं, क्योंकि वह मानसिक तौर पर ठीक नहीं है.’

’36 लाख के समन से डिप्रेशन में था मुर्तजा’

मुनीर अब्बासी ने बताया, ‘2 अप्रैल की शाम को सादी ड्रेस में 2 लोग आए थे, जो बोल रहे थे कि दीवानी का समन है. उनकी गाड़ी और डीलडोल से लोगों ने समझा कि एटीएस के आदमी हैं. अहमद मुर्तजा तो 36 लाख का समन सुनकर ही डिप्रेशन में चला गया. उसके पास ना गाड़ी है,ना स्कूटर है तो उसको लोन कौन देगा.’

पिता ने खारिज की आतंकी कनेक्शन की थ्योरी

मुनीर अब्बासी ने कहा, ‘यह सब भाग्य है, नियति है जो इसको बीमारी होनी थी. हम तो अब किसी से शिकायत भी नहीं कर सकते हैं उसकी जान बच गई यही काफी है. हम कैसे मान लें कि वह आतंकी हो गया, आतंकी होता तो बंदूक लेकर जाता. वह किसी और के बहकावे में नहीं अपने दिमाग के बहकावे में था, जो मानसिक रोगी है.’