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नैन्सी पेलोसी के दौरे से तिलमिलाया ड्रैगन..ताइवान को घेरा, US आर्मी ने भी कसी कमर

पूरे घटनाक्रम पर टॉप अमेरिकी लीडरशिप ने बारीकी से नजर बना रखी है, सेना ने बैकअप प्लान बनाया हुआ है। इसका संदेश उसी समय मिला था जब अमेरिकी सेना ने पेलोसी की यात्रा पर प्रतिक्रिया दी थी।

आखिरकार अमेरिकी संसद की हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी मंगलवार को ताइवान पहुंच चुकी हैं। इस दौरे को लेकर ड्रैगन बुरी तरह तिलमिलाया हुआ है। इतना ही नहीं चीन ने ‘मिलिट्री एक्शन’ लेना शुरू कर दिया है और उसके 21 मिलिट्री एयरक्राफ्ट्स ने ताइवान को चारों तरफ से घेर लिया है। यह सभी एयरक्राफ्ट्स ताइवान के एयर डिफेंस जोन में पहुंच गए। उधर अमेरिकी सेना ने भी कमर कस ली है और युद्ध के संभावित परिस्थिति में उसने जबरदस्त बैकअप प्लान बनाया हुआ है।

ताइवान को 21 चीनी लड़ाकू विमानों ने घेरा
दरअसल, पेलोसी की यात्रा के बाद ताइवान की तरफ से आधिकारिक बयान में बताया गया कि चीन के 21 लड़ाकू विमान उसके एयर डिफेंस जोन में घुस गए हैं। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पीएलए के यह सभी लड़ाकू विमान ताइवान के साउथवेस्ट एयर डिफेंस आइ़डेंटिफिकेशन जोन जोन में प्रवेश कर गए हैं। पेलोसी के ताइवान पहुंचने के एक घंटे के अंदर चीन ने इस ‘मिलिट्री एक्शन’ की धमकी दी थी। उसने यह भी कहा कि वह टारगेटेड मिलिट्री एक्शन ले सकता है।

घटनाक्रम पर अमेरिकी लीडरशिप ने बारीकी से नजर
चौंकाने वाली बात यह भी रही कि पेलोसी के ताइवान पहुंचने के बाद चीन ने ताइवान के चारों तरफ सैन्य अभ्यास का ऐलान कर दिया है। यह तब हुआ है जब पेलोसी अमेरिका वायु सेना के एक अत्याधुनिक विमान से ताइवान में पहुंची हैं। इस पूरे घटनाक्रम पर अमेरिका की टॉप लीडरशिप ने बारीकी से नजर बना रखी है। इतना ही नहीं अमेरिकी सेना ने तो बकायदा बैकअप प्लान बनाया हुआ है। इसका संदेश उसी समय मिल गया था जब अमेरिकी सेना की तरफ से पेलोसी की इस यात्रा पर प्रतिक्रिया आई थी।

भड़के चीन ने अमेरिकी राजदूत को किया तलब
इसी बीच चीन ने अमेरिकी राजदूत निकोलस बर्न्स को पेलोसी की ताइवान क्षेत्र की यात्रा को लेकर जवाब देने के लिए तलब किया। चीन ने अमेरिकी राजदूत को बताया कि पेलोसी के ताइवान दौरे की प्रकृति बेहद शातिर है और इसके परिणाम बहुत गंभीर हैं। चीन इसको लेकर शांति से नहीं बैठेगा. यूएस सरकार को पेलोसी के इस दौरे को रोकना चाहिए था, लेकिन मिलीभगत के जरिए उन्हें ऐसा करने दिया गया।

अमेरिका बोला- पेलोसी को ताइवान जाने का अधिकार
उधर व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि हाउस स्पीकर पेलोसी को ताइवान जाने का अधिकार था, लेकिन उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यह यात्रा चीनी संप्रभुता या अमेरिका की लंबे समय से चली आ रही ‘एक चीन’ नीति का उल्लंघन नहीं है। यह भी बताया गया कि पेलोसी के ताइवान जाने के फैसले का बाइडेन ने सम्मान किया।

अमेरिकी सेना ने भी कर रखी है पूरी तैयारी
इससे पहले भी व्हाइट हाउस ने पेलोसी की ‘ताइवान की यात्रा’ पर चीन की बयानबाजी की निंदा की थी। बयान में कहा गया कि अमेरिका को बीजिंग के साथ तनाव बढ़ाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा समन्वयक जॉन किर्बी ने बयान दिया था कि अध्यक्ष को ताइवान जाने का अधिकार है। यूएस ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिले ने पहले ही मीडिया से कहा था कि अगर पेलोसी ताइवान जाती हैं और वहां पर उनको किसी भी प्रकार की सैन्य सहायता की जरूरत पड़ती है तो हम वो करेंगे।

पेलोसी ने ताइवान की धरती से दिया यह संदेश
वहीं ताइवान पहुंची पेलोसी ने अपने बयान में कहा कि हमारे कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल की यात्रा ताइवान के जीवंत लोकतंत्र का समर्थन करने की अमेरिकी प्रतिबद्धता को दिखाती है। हमारी यात्रा सिंगापुर, मलेशिया, दक्षिण कोरिया और जापान सहित भारत-प्रशांत की व्यापक यात्रा का हिस्सा है, जो पारस्परिक सुरक्षा, आर्थिक साझेदारी और लोकतांत्रिक शासन पर केंद्रित है। ताइवान के नेताओं के साथ हमारी बातचीत हमारे साझेदार के लिए हमारे समर्थन की पुष्टि करने और एक स्वतंत्र व खुले हिंद प्रशांत क्षेत्र को आगे बढ़ाने सहित हमारे साझा हितों को बढ़ावा देने पर केंद्रित होगी।

ताइवान पहुंचकर पेलोसी ने कहा कि ताइवान के 2.3 करोड़ लोगों के साथ अमेरिका की एकजुटता आज पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि दुनिया निरंकुशता और लोकतंत्र के बीच विकल्प का सामना कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि हमारी यात्रा ताइवान के कई कांग्रेस प्रतिनिधिमंडलों में से एक है और यह किसी भी तरह से अमेरिका की नीति का खंडन नहीं करती है। अमेरिका यथास्थिति को बदलने के एकतरफा प्रयास का विरोध करना जारी रखेगा।