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नेपाल की नागरिक बनकर भारत में रह रही थी चीनी जासूस, पकड़ी गई तो बोली- चीन मुझे मारना चाहता है

काई रूओ नाम की एक चीनी महिला को राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उसके पास से डोलमा लामा के नाम का एक नेपाली नागरिकता प्रमाण पत्र बरामद हुआ है।

चीन की एक जासूस नेपाल की नागरिक बन भारत में पिछले करीब तीन साल से रह रही थी। गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। भारत विरोधी गतिविधियों में कथित रूप से शामिल एक 50 वर्षीय चीनी महिला को पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में गिरफ्तार किया है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, काई रूओ नाम की महिला 2019 से ‘बौद्ध भिक्षु’ बनकर भारत में रह रही थी। पुलिस को उस पर चीनी जासूस होने का संदेह है।

समाचार एजेंसी एएनआई ने दिल्ली पुलिस के हवाले से लिखा “काई रूओ नाम की एक चीनी महिला को राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उसके पास से डोलमा लामा के नाम का एक नेपाली नागरिकता प्रमाण पत्र बरामद हुआ है। हालांकि, यह पाया गया कि वह चीनी नागरिक है। उसने 2019 में चीनी पासपोर्ट का इस्तेमाल करते हुए भारत की यात्रा की थी।” पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसने चीनी महिला काई रूओ के खिलाफ राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के चलते पीएस स्पेशल सेल में धारा 120 बी के साथ 419/420/467/474 आईपीसी और 14 फॉरेनर्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।

ऐसे किया पुलिस को गुमराह

मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि काई रूओ एक “अच्छी तरह से प्रशिक्षित और शातिर महिला है।” महिला ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। उसने कहा है कि चीनी कम्युनिस्ट नेता उसे मारना चाहते थे और इसलिए, वह भारत भाग आई। वह भारत में “नेपाली नागरिक डोला लामा” बनकर रह रही थी। महिला ने पहले दावा किया कि वह नेपाल के काठमांडू की निवासी है। उसने एक “नेपाली पहचान पत्र” भी पेश किया। हालांकि वह पुलिस से फर्राटेदार अंग्रेजी में तो बात कर रही थी लेकिन उसे नेपाली भाषा नहीं आती थी। कहा जा रहा है कि यहीं से पुलिस को शक हुआ और जांच के बाद पूरा मामला सामने आया है।

पुलिस को यह भी पता चला कि वह फर्राटेदार चीनी भाषा बोलती है। बाद में, क्रॉस-चेकिंग और सत्यापन पर, पुलिस को पता चला कि उसके नाम से एक चीनी पासपोर्ट जारी हुआ था, और वह उसी पासपोर्ट के आधार पर भारत में रह रही थी। 2019 में, उसने भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल में रानीगंज सीमा क्षेत्र के माध्यम से नेपाल में प्रवेश किया। बाद में, नेपाली नागरिता आईडी हासिल करने के बाद उसने भारत में प्रवेश किया। भारतीय अधिकारियों के पास उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार, वह चीन के हैनान प्रांत की निवासी है। वह कथित तौर पर पूरे देश में अशांति पैदा करने की कोशिश कर रही थी।