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गुजरात में पीएम मोदी के बाद तोगड़िया की एंट्री

गुजरात | सूरत वराछा सीट पर बीजेपी और आप के बीच कांटे का संघर्ष होने की उम्मीद जताई जा रही है। यही वजह है दोनों पार्टियां अपना पूरा जोर लगा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी   ने सात साल बाद 27 नंवबर को सूरत में जनसभा और रोड शो किया था, तब अब सूरत के दंगल में अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद् के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण तोगड़िया की एंट्री हुई है। बीजेपी के उम्मीदवार और पूर्व मंत्री किशोर कनाणी को कड़ी टक्कर दे रहे अल्पेश कथीरिया  की तोगड़िया के साथ मुलाकात की तस्वीरें सामने आई हैं। अल्पेश कथीरिया  ने अपने आधिकारिक हैंडल से मुलाकात की तस्वीरें ट्वीट करके लिखा है कि अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद् के अध्यक्ष और हिंदू ह्दय सम्राट डॉ. प्रवीण तोगड़िया के साथ मुलाकात हुई। तोगड़िया जी ने विजयी भव होने का आशीर्वाद दिया।

तोगड़िया के साथ मुलाकात की तस्वीरों में अल्पेश कथीरिया  भगवा केश धारण किए हुए हैं। इसमें लिखा है कि हिंदू ही आगे। प्रवीण तोगड़िया के साथ उनकी मुलाकात की तस्वीरों में काफी गर्मजोशी दिखाई पड़ रही है। पहली तस्वीर में वे तोगड़िया से कुछ बात कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तस्वीर में तोगड़िया और अल्पेश काफी खुश दिख रहे हैं। कभी पीएम मोदी के करीबी रहे प्रवीण तोगड़िया काफी लंबे समय से हाशिए पर हैं। कहा जाता है कि उनके और पीएम मोदी के बीच काफी समय से संवाद भी बंद है।

कनाणी बनाम कथीरिया

2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई वराछा रोड सीट पर अभी बीजेपी का कब्जा है। बीजेपी के उम्मीदवार किशोर कनाणी ने 2012 में इस सीट से जीत हासिल की थी। तब कनाणी 20359 वोटों से जीते थे, इसके बाद 2017 में जब पाटीदार आंदोलन के बाद चुनाव हुए थे तो भी यह सीट चर्चा में आई थी, लेकिन किशोर कनाणी 13,998 वोट से जीतने में सफल रहे थे। दोनों ही बार किशोर कनाणी का मुकाबला कांग्रेस के उम्मीदवार धीरूभाई गजेरा से हुआ था। इस बार कांग्रेस ने यहां प्रफुल्ल तोगड़िया को टिकट दिया है तो वहीं आम आदमी पार्टी ने पाटीदार आंदोलन के बड़े चेहरे अल्पेश कथीरिया को उतारकर किशोर कनाणी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

पूरी तरह से है शहरी सीट

सूरत में की यह सीट पूरी तरह से शहरी है। इस सीट में सूरत नगर निगम के वार्ड-28, 43, 44 और 45 आते हैं। फरवरी 2021 में हुए सूरत नगर निगम के चुनाव में आप ने जब 27 सीटें जीती थीं तो काफी पार्षद इस क्षेत्र भी जीते थे। ऐसे में आम आदमी पार्टी की कोशिश है कि निगम की कामयाबी को विधानसभा चुनावों में दोहराया जाए। तो वहीं बीजेपी के सामने अपना गढ़ बचाने की बड़ी चुनौती है। ऐसे में इस सीट की चुनावी जंग दिलचस्प हो गई।

सिर्फ वराछा की चर्चा

बीजेपी ने इस सीट पर अपने पुराने पाटीदार नेता किशोर कनाणी पर दांव खेला है। वे वराछा रोड के साथ सूरत में किशोर काका के नाम से मशहूर हैं। किशोर कनाणी एक साल पहले तक विजय रुपाणी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे। बीजेपी ने जब नो रिपीट फॉर्मूला लागू किया था तो उनका मंत्री पद चला गया था, लेकिन 2022 के चुनावों में किशोर कनाणी अपना टिकट बचाने में सफल रहे। तो वहीं आम आदमी पार्टी के टिकट पर वराछा से लड़ रहे अल्पेश कथीरिया वैसे तो सौराष्ट्र से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन वराछा में उनका अच्छा प्रभाव है। फरवरी 2021 में आम को निगम चुनावों में जो सफलता मिली थी। उसमें अल्पेश कथीरिया की भूमिका होने की बात कही गई थी। इतना ही नहीं अल्पेश कथीरिया पाटीदार आंदोलन में प्रमुख चेहरे थे और उनकी हैसियत नंबर दो की थी।