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महाराष्ट्र में लोकपाल, अन्ना हजारे की सिफारिश स्वीकार, अब ऐसे काम करेगी शिंदे सरकार

महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने अन्ना हजारे कमेटी की मांगों को मानते हुए लोकायुक्त कानून बनाने का फैसला कर लिया है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विधेयक पेश किया जाएगा।

महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए राज्य में लोकायुक्त लागू करने की बात कही है कैबिनेट बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि सरकार ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की अध्यक्षता में बनी कमेटी की बातें मान ली हैं और राज्य में लोकायुक्त लाया जाएगा। फडणवीस ने कहा कि जब राज्य में भाजपा की सरकार थी तभी अन्ना हजारे की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई थी लेकिन बाद में महाविकास अघाड़ी सरकार ने इसपर ध्यान नहीं दिया। मामला ठंडे बस्ते में पड़ा रहा। अब सत्ता में आने के बाद उनके प्रस्तावों को आगे बढ़ाया जा रहा है।

अन्ना  हजारे ने लोकपाल की ही तर्ज पर लोकायुक्त नियुक्त करने का सुझाव दिया था। महाराष्ट्र में शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले कैबिनेट की बैठख हुई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, हम सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ चलाएंगे। महाराष्ट्र को भ्रष्टाचार मुक्त करेंगे। इसीलिए राज्य में लोकायुक्त कानून लागू करने का विचार किया गया है। उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, अन्ना हजारे की मांग थी कि महाराष्ट्र में लोकपाल कानून लागू किया जाए। इसीलिए उनकी ही अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई थी।

क्या है लोकायुक्त
लोकायुक्त एक पांच सदस्यों की टीम होगी जिसमें हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट के जज शामिल होंगे। डिप्टी सीएम ने कहा, हम भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए नया लोकपाल कानून बना रहे हैं। पांच महीने के अंदर ही सरकार का यह बड़ा कदम होगा। लोकायुक्त एक शीर्ष संवैधानिक संस्था होगी जो कि सरकार औऱ प्रशासन के बारे में लोगों की शिकायतें सुनेगी। जब बिल पास हो जाएगा तो राज्यपाल बॉम्बे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और विपक्ष के नेता से सलाह करके लोकायुक्त की नियुक्ति करेंगे। महाराष्ट्र पहला ऐसा राज्य था जो 1971 में ही महाराष्ट्र उपलाकायुक्त और लोकायुक्त कानून लाया था।