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जवानों की भर्ती अग्निपथ योजना से होने लगी

दिसंबर का महीना अलविदा होने को है। कुछ ही दिनों में नया साल दस्तक देने जा रहा है। आज हम साल 2022 में सेना भर्ती में हुए बदलावों के बारे में बात करने जा रहे हैं। जिसे लेकर खूब बवाल मचा। हम इसे अग्निपथ योजना के नाम से जानते हैं। सेना भर्ती का पूरा पैटर्न अग्निपथ योजना के तहत बदल दिया गया। सेना के जवानों के लिए चार साल का कार्यकाल घोषित कर दिया गया। इन जवानों को अग्निवीर कहा जाएगा। अग्निपथ योजना के तहत इंडियन आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में सैनिकों की चार साल के लिए भर्ती की जा रही है। वायुसेना के अग्निवीरों को अग्निवीरवायु का नाम दिया गया है। चार साल के बाद 75 फीसदी सैनिकों को घर भेज दिया जाएगा। शेष 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी जवान नियुक्त किया जाएगा।

 

अग्निपथ भर्ती योजना’ के तहत युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सेना में शामिल होने का मौका मिलेगा। साढ़े 17 साल से 21 साल के युवा लड़के और लड़कियां इसके लिए पात्र होंगे।  इसके लिए 10वीं से लेकर 12वीं तक के छात्र आवेदन कर सकेंगे। इसकी शुरुआत 90 दिन के भीतर हो जाएगी। इस साल 46 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। पहली भर्ती प्रक्रिया में युवाओं को छह महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग का समय भी चार साल में शामिल होगा। चार साल के सेवाकाल के बाद 75 फीसदी जवानों की सेवाएं समाप्त हो जाएंगी। अधिकतम 25 फीसदी को रेगुलर काडर में जगह मिलेगी। इसके लिए सेवाकाल पूरा होने के बाद ऐच्छिक आधार पर रेगुलर काडर के लिए आवेदन करना होगा।
हर अग्निवीर को भर्ती के साल 30 हजार महीने तनख्वाह मिलेगी। इसमें से 70 फीसदी यानी 21 हजार रुपये उसे दिए जाएंगे। बाकी 30 फीसदी यानी नौ हजार रुपये अग्निवीर कॉर्प्स फंड में जमा होंगे। इस फंड में इतनी ही राशि सरकार भी डालेगी। दूसरे साल अग्निवीर की तनख्वाह बढ़कर 33 हजार, तीसरे साल 36.5 हजार तो चौथे साल 40 हजार रुपये हो जाएगी। चार साल में उसकी कुल बचत करीब 5.02 लाख रुपये होगी। वहीं सरकार की ओर से भी इतनी ही रकम जमा की जाएगी। नौकरी पूरी होने के बाद उसे ये रकम ब्याज सहित मिलेगी। जो करीब 11.71 लाख रुपये होगी। ये रकम टैक्स फ्री होगी।  सेवा के दौरान शहीद होने या दिव्यांग होने पर आर्थिक मदद का प्रावधान भी है। अगर कोई अग्निवीर देश सेवा के दौरान शहीद हो जाता है तो उसे सेवा निधि समेत एक करोड़ से ज्यादा की राशि ब्याज समेत दी जाएगी। इसके अलावा बची हुई नौकरी का वेतन भी दिया जाएगा। अगर कोई जवान ड्यूटी के दौरान डिसेबिल यानी दिव्यांग हो जाता है तो उसे 44 लाख रुपये तक की राशि दी जाएगी और बची हुई नौकरी का भी वेतन दिया जाएगा। चार साल की नौकरी के बाद युवाओं को सेवा निधि पैकेज दिया जाएगा। जो 11.71 लाख रुपए होगा।
अग्निवीर बनने के लिए 17.5  साल से 21 साल के युवाओं को मौका मिलेगा। इनकी ट्रेनिंग 10 हफ्ते से 6 महीने तक होगी। अग्निवीर के लिए 10वीं 12वीं के छात्र आवेदन कर सकेंगे। अगर कोई अग्निवीर देश सेवा के दौरान शहीद हो जाता है, तो उसके परिजनों को सेवा निधि समेत एक करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि ब्याज समेत मिलेगी। इसके अलावा बाकी बची नौकरी का भी वेतन दिया जाएगा। वहीं, अगर कोई अग्निवीर डिसेबिल हो जाता है, तो उसे 44 लाख रुपए तक की राशि दी जाएगी।  इसके अलावा बाकी का भी वेतन मिलेगा। चार साल के बाद 25% तक अग्निवीरों को केंद्रीयकृत व पारदर्शी प्रणाली के आधार पर नियमित संवर्ग के रूप में चुना जाएगा। 100% उम्मीदवार नियमित संवर्ग में नामांकन के लिए बतौर वालंटियर, आवेदन कर सकते हैं।
वायुसेना अग्निवीर का चार साल की ट्रेनिंग के दौरान 48 लाख रुपये का मेडिकल इंश्योरेंस रहेगा। अग्निवीर ग्रेच्युटी के हकदार नहीं होंगे। सेवा के दौरान अग्निवीर इंडियन एयरफोर्स के अस्पतालों और इंडियन एयरफोर्स की सीएसडी कैंटीन का भी लाभ उठा सकेंगे। अग्निवीरों को सालाना 30 छुट्टियां मिलेंगी। इसके अलावा सिक लीव डॉक्टर की सलाह पर ही दी जाएगी। सेना की चार साल की नौकरी के बाद युवाओं को भविष्य के लिए और अवसर दिए जाएंगे। चार साल की नौकरी के बाद सेवा निधि पैकेज मिलेगा।
नई योजना में भर्ती की प्रक्रिया पहले की ही तरह रहेगी। चयनित होने के बाद छह महीने के कठिन ट्रेनिंग होगी। इसके बाद तैनाती होगी। नई योजना से सेना में युवाओं को ज्यादा मौके मिलेंगे। अभी सेना की औसत आयु 32 साल है। योजना लागू होने के बाद अगले छह से सात साल में ये घटकर 24 से 26 साल हो जाएगी।