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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबा शुक्रवार सुबह पंचतत्व में विलीन हो गयी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबा शुक्रवार सुबह 9:26 बजे पंचतत्व में विलीन हो गईं। नरेंद्र मोदी ने उन्हें मुखाग्नि दी। अंतिम सफर के दौरान वे मां की पार्थिव देह कंधे पर लेकर गांधी नगर स्थित घर से निकले। यात्रा के दौरान वे शव वाहन में ही पार्थिव देह के करीब बैठे रहे।

हीराबा मोदी का शुक्रवार तड़के 3:30 बजे यूएन मेहता अस्पताल में निधन हुआ। वे 100 साल की थीं। मंगलवार देर रात सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें कफ की शिकायत भी थी।

मोदी ने खुद ही निधन की जानकारी ट्वीट के जरिए दी। इसके बाद सुबह 7:45 बजे अहमदाबाद पहुंचे। यहां से वे सीधे गांधीनगर के रायसण गांव में भाई पंकज मोदी के घर गए। पार्थिव देह यहीं रखी गई थी। मोदी के पहुंचते ही अंतिम यात्रा शुरू हुई। सेक्टर-30 स्थित श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया।

मोदी ने अपना कोई तय कार्यक्रम रद्द नहीं किया। वे अंतिम संस्कार के बाद सीधे अहमदाबाद स्थित राजभवन गए। वे यहीं से बंगाल में हो रही राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक में वर्चुअली जुड़ें। उन्होंने हावड़ा को न्यू जलपाईगुड़ी से जोड़ने वाली वंदे भारत की शुरुआत की।

सुबह 6.02- PM मोदी ने ट्वीट कर हीराबा के निधन की जानकारी दी। शानदार शताब्दी का ईश्वर चरणों में विराम। मां में मैंने हमेशा उस त्रिमूर्ति की अनुभूति की है, जिसमें एक तपस्वी की यात्रा, निष्काम कर्मयोगी और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध जीवन समाहित रहा है।

सुबह 7:45- मोदी अहमदाबाद पहुंचे। यहां पर उन्होंने 5 मिनट लोगों से बातचीत की और फिर सीधे गांधी नगर स्थित भाई के घर के लिए रवाना हो गए।

सुबह 8:24- गांधी नगर में भाई पंकज के घर पहुंचे। मां को नमन किया। हीराबेन की पार्थिव देह उसी कमरे में रखी गई थी, जिसमें 4 दिसंबर को उन्होंने बेटे नरेंद्र के साथ चाय पी थी।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतिम संस्कार के करीब 2 घंटे बाद काम में जुट गए। वे बंगाल के प्रोग्राम में वर्चुअली जुटे। उन्होंने वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। मोदी कई और प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दिखाएंगे। इसके अलावा बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बिहार के CM नीतीश कुमार के अलावा उत्तराखंड और झारखंड के मुख्यमंत्री के साथ गंगा परिषद की मीटिंग में भी शामिल होंगे

गृह मंत्री अमित शाह: ट्वीट किया- मां एक व्यक्ति के जीवन की पहली मित्र और गुरु होती है। जिसे खोने का दुख नि:संदेह संसार का सबसे बड़ा दुख है।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा: लिखा- हीराबा जी का संघर्षपूर्ण व सात्विक जीवन सदैव प्रेरणादायक है, जिनके वात्सल्य व सत्यनिष्ठा से देश को यशस्वी नेतृत्व मिला। मां का जाना अपूरणीय क्षति है, इस रिक्तता की पूर्ति असंभव है।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी: ट्वीट किया- एक पुत्र के लिए मां पूरी दुनिया होती है। मां का निधन पुत्र के लिए असहनीय और अपूरणीय क्षति होती है। PM मोदी जी की पूज्य माता का निधन अत्यंत दुखद है। प्रभु श्री राम दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को बीमार हीराबा को देखने अहमदाबाद पहुंचे थे। वे करीब एक घंटे 20 मिनट अस्पताल में रहे थे। इस दौरान उन्होंने डॉक्टरों से बातचीत करके मां की तबीयत और इलाज के बारे में जानकारी ली थी। अस्पताल में उनके साथ गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और राज्य के कुछ अन्य मंत्री भी मौजूद थे।

 

PM मोदी गुजरात चुनाव के मतदान के दौरान 4 दिसंबर को गांधीनगर में अपनी मां हीराबेन से मिले थे। इस दौरान उन्होंने मां के पैर छूकर आशीर्वाद लिया था और उनके साथ बैठकर चाय पी थी।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 जून को अपनी मां हीराबा के जन्मदिन पर अहमदाबाद पहुंचे थे। उस समय उन्होंने मां हीराबा के पैर धोकर पानी आंखों से लगाया था। मोदी ने मां के साथ बैठकर पूजा भी की थी।

2016 में भी बिगड़ी थी हीराबा की तबीयत
इससे पहले 2016 में भी हीराबा की तबीयत बिगड़ी थी। तब उन्हें एक सामान्य नागरिक की तरह 108 एंबुलेंस के जरिए गांधीनगर के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इतना ही नहीं सामान्य मरीजों की तरह ही हीराबा का अस्पताल के जनरल वार्ड में इलाज किया गया था।

मोदी इस साल 11 और 12 मार्च को दो दिनों के गुजरात दौरे पर थे। तब 11 मार्च को रात नौ बजे मां हीराबा से मिलने गांधीनगर पहुंचे थे। इस दौरान पीएम मोदी ने उनके साथ खिचड़ी खाई थी

मां न सिर्फ बच्चे को जन्म देती है, बल्कि उनके दिमाग, व्यक्तित्व और आत्मविश्वास को भी आकार देती है। मुझे कोई संदेह नहीं कि मेरे जीवन और चरित्र में जो कुछ भी अच्छा है, उसका श्रेय मेरी मां को जाता है।’

ये पंक्तियां प्रधानमंत्री मोदी की हैं, अपनी मां के लिए। मोदी ने मां के 100वें जन्मदिन 18 जून 2022 को एक ब्लॉग लिखा था। ये बातें वहीं लिखी थीं।

अब हीराबेन नहीं हैं। अहमदाबाद में उनका निधन हो गया। लेकिन उनके किस्से अब भी हैं। कुछ प्रधानमंत्री के सुनाए-बताए और कुछ दूसरों की जुबानी

 

मां, ये सिर्फ एक शब्द नहीं है। जीवन की ये वो भावना होती जिसमें स्नेह, धैर्य, विश्वास, कितना कुछ समाया होता है। दुनिया का कोई भी कोना हो, कोई भी देश हो, हर संतान के मन में सबसे अनमोल स्नेह मां के लिए होता है। मां, सिर्फ हमारा शरीर ही नहीं गढ़ती बल्कि हमारा मन, हमारा व्यक्तित्व, हमारा आत्मविश्वास भी गढ़ती है। और अपनी संतान के लिए ऐसा करते हुए वो खुद को खपा देती है, खुद को भुला देती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी मां हीराबेन से कितना प्यार करते हैं और उन्हें अपनी जिंदगी में कितना अहम मानते हैं, ये किसी ने नहीं छुपा। उन्होंने घर भले ही छोटी उम्र में छोड़ दिया, लेकिन मां के स्नेह और दुलार से दूर नहीं हुए। आज तक ऐसा कोई खास मौका नहीं गया, जिसमें वे अपनी मां का आशीर्वाद न लिया हो