विमानन क्षेत्र की नियामक संस्था डीजीसीए ने गो फर्स्ट एयरलाइंस फ्लाइट द्वारा 55 यात्रियों को एयरपोर्ट पर ही छोड़कर उड़ान भरने के मामले में कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की है। डीजीसीए ने कंपनी पर 10 लाख रुपये के जुर्माना लगाया है। इससे पहले, विमानन नियामक डीजीसीए ने एयरलाइन कंपनी गोफर्स्ट के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया था। डीजीसीए ने गो फर्स्ट के जवाबदेह प्रबंधक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था कि उनके खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई क्यों न की जाए।
डीजीसीए ने अपनी कार्रवाई के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि गो फर्स्ट ने 25 जनवरी को कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया। एयरलाइन कंपनी के जवाब के मुताबिक, विमान में यात्रियों की बोर्डिंग के संबंध में टर्मिनल समन्वयक (टीसी), वाणिज्यिक कर्मचारियों और चालक दल के बीच संचार और समन्वय की कमी थी।
डीजीसीए ने बताया है कि जांच में साफ हुआ है कि एयरलाइन कंपनी ग्राउंड हैंडलिंग, लोड और ट्रिम शीट तैयार करने, फ्लाइट डिस्पैच और पैसेंजर/कार्गो हैंडलिंग के लिए पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने में विफल रही है। इस सबको देखते हुए कंपनी पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
बता दें कि एयरलाइन की उड़ान 9 जनवरी को बैंगलोर हवाई अड्डे पर बेंगलुरू से दिल्ली जाने वाली गो फर्स्ट फ्लाइट ने बस में सवार करीबन 55 यात्रियों को बिना लिए ही उड़ान भर दिया। यात्रियों ने आरोप लगाया था कि फ्लाइट जी8 55 यात्रियों को छोड़कर सोमवार सुबह 6 बजकर 40 मिनट पर रवाना हो गई थी। 55 में से 53 यात्रियों को दिल्ली के लिए दूसरी एयरलाइन में स्थानांतरित कर दिया गया था। शेष 2 ने रिफंड मांगा था जिसका एयरलाइन की ओर से भुगतान कर दिया गया था। अब इस मामले में गो फर्स्ट ने प्रभावित यात्रियों से माफी मांगी थी और घटना में शामिल एयरलाइंस के कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की थी।