मध्य प्रदेश

आधे MP में फिर बारिश, ओले-तेज आंधी का सिस्टम:तेज आंधी के साथ गिर सकते हैं ओले; 18 मार्च तक ऐसा ही रहेगा मौसम

मध्यप्रदेश में बारिश, ओले और तेज आंधी का सिस्टम फिर एक्टिव हो गया है। मंगलवार को लगभग आधे एमपी में बारिश-तेज आंधी के साथ ओले भी गिर सकते हैं। भोपाल-ग्वालियर समेत 29 जिलों में मौसम का मिजाज बदला रहेगा। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो 18 मार्च तक मौसम ऐसा ही रहेगा।

मौसम वैज्ञानिक ममता यादव ने बताया कि पश्चिमी मध्यप्रदेश से बारिश का सिस्टम एक्टिव हो गया है। अरब सागर से आने वाली हवाओं के चलते दक्षिण मध्यप्रदेश के इलाकों में बारिश होगी। प्रदेश के कई हिस्सों में भी असर रहेगा। 18 मार्च तक सिस्टम एक्टिव रहेगा।

ओले गिरने के साथ आंधी भी चलेगी
14 से 18 मार्च के बीच प्रदेश में तेज आंधी चलेगी और ओले गिरने की संभावना भी बनी रहेगी। बिजली चमकने और गिरने के मामले भी सामने आएंगे। मौसम वैज्ञानिक यादव ने बताया कि ठंड के बाद प्री-मानसून के दौरान बारिश के साथ ओले गिरते हैं। इससे फसलों पर असर पड़ेगा।

पिछले सप्ताह मध्यप्रदेश के कई शहरों में ओले भी गिरे थे। नए सिस्टम में भी ओलावृष्टि होने की संभावना है।

आज इन जिलों में बारिश
भोपाल, रायसेन, गुना, राजगढ़, खंडवा, खरगोन, सीहोर, अलीराजपुर, बड़वानी और बुरहानपुर में बारिश हो सकती है। यहां बादल छाए रहेंगे। इसके अलावा ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां, सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, अनूपपुर, शहडोल, छिंदवाड़ा, सिवनी, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी में भी तेज आंधी, गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना है।

कब, कहां बारिश होने के आसार
15 मार्च को भोपाल, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, देवास, छिंदवाड़ा और सिवनी।

पिछले सप्ताह हुई बारिश की वजह से प्रदेश के कई जिलों में गेहूं-चने और सरसों की फसलों को नुकसान पहुंचा था। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो जो नया सिस्टम एक्टिव हो रहा है, उसमें भी तेज आंधी चलेगी।

बारिश से पहले कई शहरों में दिन का पारा बढ़ा
बारिश से पहले भोपाल समेत कई शहरों में तापमान में खासी बढ़ोतरी हुई है। राजगढ़, रतलाम, नर्मदापुरम, धार, भोपाल, खरगोन में बढ़ोतरी हुई है। राजगढ़ में सोमवार को दिन का तापमान 39 डिग्री तक पहुंच गया। रात के तापमान में भी उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है। कुछ शहरों में रात का तापमान में गिरावट हुई है। इससे वहां ठंडक बढ़ गई है।