मध्य प्रदेश

बीवी बात नहीं सुनती थी, गला दबाकर मार डाला:हत्या कर ट्रेन के सामने कूदा पति, हाथ कटा; बोला- बर्दाश्त की भी लिमिट होती है

दमोह में एक युवक ने अपनी पत्नी की गला दबाकर हत्या कर दी। फिर सुसाइड के इरादे से ट्रेन के सामने कूद गया। युवक का एक हाथ कट गया। उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां उसने पत्नी की हत्या करने की बात बताई। जिसके बाद पुलिस युवक के घर पहुंची तो पत्नी का शव पलंग पर पड़ा था। युवक के पास एक सुसाइड नोट भी मिला है।

जानकारी के मुताबिक मोइसिन खान (30) हिंडोरिया के वार्ड क्रमांक-7 में रहता है। मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात करीब 2 बजे उसने पत्नी तौसीर की गला दबाकर हत्या कर दी। बुधवार सुबह करीब 8 बजे वह बांदकपुरा रेलवे स्टेशन पहुंचा। यहां ट्रेन के सामने कूद गया।

मोइसिन ने अस्पताल में पुलिस को बताया कि तीन साल पहले उसकी तौसीर से शादी हुई थी। बीवी उसकी कोई बात नहीं सुनती है। वह केवल अपनी जरूरतें पूरी करवाती थी और जिद करती थी। मैं बहुत परेशान हो चुका था, इसलिए गला दबाकर मार डाला।

दमोह जिला अस्पताल में मोइसिन का इलाज किया जा रहा है। उसका एक हाथ कट गया है।
दमोह जिला अस्पताल में मोइसिन का इलाज किया जा रहा है। उसका एक हाथ कट गया है।

सुसाइड नोट में लिखा- मेरे बेटे को साढ़ू भाई को दे देना

12/4/2023, समय- रात 2.00 बजे

मैं मोइसिन खान, मैंने अपनी बीवी का गला दबाकर जान से मार दिया है। मैं ट्रेन से सुसाइड करने जा रहा हूं। हमारे जाने के बाद मेरे बेटे हसनैन को मेरे साढ़ू को दे दिया जाए। हसनैन को, न दादी (मम्मी), बड़े पापा गुड्‌डू और ना ही मेरी बड़ी बहन असमा को दिया जाए। यह मेरा मन है। आशिक… मैं मोइसिन खान आपसे कह रहा हूं कि इस घटना में आपका कोई हाथ नहीं है। आप बहुत अच्छे इंसान हो। मेरे बेटे को अब आपको दे रहा हूं। उसका ख्याल रखना। सही तालीम देना। आप ही मेरे बेटे को अपना नाम देना।

तबस्सुम, आशिक, अप्पी, राजा, छोटी अप्पी, सास, ससुरजी, भाई जुनैद, जुबैर, मुझे माफ कर देना। गुस्से में मैंने यह डिसीजन ले लिया। हमारी शादी को 3 साल हो गए। इस लड़की ने जिद और गुस्सा दिखा-दिखाकर हमें अंदर से बिल्कुल कमजोर कर दिया है। कोई भी बात मानती ही नहीं। सिर्फ अपनी बात बोलती है। उसको दमोह में रहना है। वो भी अपनी बहन के साथ। कितनी बार मना किया, लेकिन वो मानती ही नहीं है और इस बात पर उसकी मां उसका ज्यादा साथ देती है। वह उसे मना नहीं करती है और मुझसे कहती है कि वह वहां जाएगी, कर लो जो करना है। बर्दाश्त करने की एक लिमिट होती है। वह अब हमसे नहीं हो रहा है। 3 साल से यही चल रहा है और अभी एक महीने से भी वहीं जाकर रह रही है। आज 12.30 बजे मैंने पूछा तो वह कह रही है कि ईद भी हम वहीं की करेंगे। यहां हमें अच्छा नहीं लगता है |

मोइसिन ने सुसाइड नोट के दूसरे पेज में लिखा…

मैं हर खुशी उसे देना चाहता था, लेकिन ससुराल के लोग साथ नहीं देते और मुझे ही बातें सुनाते हैं। सब तौसीर का ही साथ देते हैं। उसकी गलत बात को भी सही कहते हैं। अभी जो जुबैर की शादी हुई। इसी तौसीर ने ताने दे देकर उसकी जिंदगी खराब कर दी। उसका तलाक का केस चलने लगा। वह अपनी बड़ी बहन का भी घर खराब करना चाहती थी। इसी वजह से वह वहां ज्यादा रहती थी और शादी से पहले भी वहीं रहती थी। अब हमारी लाइफ खराब कर दी। हमें 3 साल से सुकून के कुछ पल मिले ही नहीं। सिर्फ लड़ाई ही लड़ाई हो रही है, इसलिए लाइफ खत्म करने से यदि 2 परिवार, उसकी बड़ी अम्मी का घर और उसके भाई की बीवी का घर बच जाए तो अच्छी बात है। मैंने उसे मार दिया है, और ट्रेन से कटकर सुसाइड कर रहा हूं।