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मस्क बोले-मोदी भारत की परवाह करते हैं, मैं उनका फैन:PM राइटर्स, कारोबारी समेत 24 सेलिब्रिटीज से मिले; भारतीय मूल के लोगों ने किया स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिन के दौरे पर मंगलवार रात करीब 10 बजे अमेरिका पहुंचे। यहां उन्होंने करीब 24 हस्तियों से मुलाकात की। इनमें नोबेल विजेता, इकोनॉमिस्ट, आर्टिस्ट, साइंटिस्ट, स्कॉलर और बिजनैसमैन शामिल रहे। होटल लोटे न्यूयॉर्क पैलेस में टेस्ला के को-फाउंडर और ट्विटर ओनर एलन मस्क भी उनसे मिलने पहुंचे।

मुलाकात के बाद मस्क ने कहा- ‘मैं मोदी जी का फैन हूं। वो वाकई में भारत की परवाह करते हैं और वो करना चाहते हैं जो देशहित में है। भारत में बिजनेस के लिए किसी भी दूसरे बड़े देश से ज्यादा स्कोप है।’

एलन मस्क ने बताया कि वो साल के आखिर तक भारत में टेस्ला की फैक्ट्री के लिए लोकेशन फाइनल कर लेंगे। PM मोदी ने मस्क को भारत आने का भी न्योता दिया। इस पर मस्क ने कहा- ‘मैं अगले साल भारत आऊंगा।’

मस्क ने कहा कि वो स्टारलिंक को भी भारत में लाने की उम्मीद कर रहे हैं। स्टारलिंक इंटरनेट, भारत के सुदूर गांवों के लिए मददगार हो सकता है।
मस्क ने कहा कि वो स्टारलिंक को भी भारत में लाने की उम्मीद कर रहे हैं। स्टारलिंक इंटरनेट, भारत के सुदूर गांवों के लिए मददगार हो सकता है।

24 बिजनेसमैन और थॉट लीडर्स से मिले PM मोदी
मस्क के अलावा, PM मोदी ने बौद्ध लेखक प्रोफेसर रॉबर्ट थुरमैन और निबंधकार-सांख्यिकीविद् प्रोफेसर नसीम निकोलस तालेब से भी मुलाकात की। इनके अलावा एस्ट्रोफिजिसिस्ट और लेखक नील डेग्रसे टायसन, नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री पॉल रोमर और निवेशक रे डेलियो ने भी PM मोदी से मुलाकात की।

तस्वीर अमेरिकी खगोल वैज्ञानिक (एस्ट्रोफिजिसिस्ट) नील डी ग्रास टायसन और PM मोदी की है। दोनों ने युवाओं के बीच विज्ञान को बढ़ावा देने पर चर्चा की। इसके अलावा भारत के अलग-अलग स्पेस मिशन और अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की प्रगति पर भी बात की।
तस्वीर अमेरिकी खगोल वैज्ञानिक (एस्ट्रोफिजिसिस्ट) नील डी ग्रास टायसन और PM मोदी की है। दोनों ने युवाओं के बीच विज्ञान को बढ़ावा देने पर चर्चा की। इसके अलावा भारत के अलग-अलग स्पेस मिशन और अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की प्रगति पर भी बात की।
तस्वीर में PM मोदी बौद्ध लेखक प्रोफेसर रॉबर्ट थुरमैन के साथ बैठक करते नजर आ रहे हैं। दोनों ने भारत की बौद्ध विरासत पर चर्चा की। साथ ही बौद्ध धर्म कैसे वैश्विक चुनौतियों से निपटने में मदद कर सकता है, इस पर बात की।
तस्वीर में PM मोदी बौद्ध लेखक प्रोफेसर रॉबर्ट थुरमैन के साथ बैठक करते नजर आ रहे हैं। दोनों ने भारत की बौद्ध विरासत पर चर्चा की। साथ ही बौद्ध धर्म कैसे वैश्विक चुनौतियों से निपटने में मदद कर सकता है, इस पर बात की।
तस्वीर अकादमिक स्कॉलर प्रो. नसीम निकोलस तालेब और PM मोदी की है। इस दौरान दोनों ने भारत में युवाओं और देश के विकास को लेकर चर्चा की। प्रो. नसीम ने प्रधानमंत्री मोदी को अपनी लिखी एक किताब भी गिफ्ट की।
तस्वीर अकादमिक स्कॉलर प्रो. नसीम निकोलस तालेब और PM मोदी की है। इस दौरान दोनों ने भारत में युवाओं और देश के विकास को लेकर चर्चा की। प्रो. नसीम ने प्रधानमंत्री मोदी को अपनी लिखी एक किताब भी गिफ्ट की।
इस तस्वीर में PM मोदी लेखक और इंवेस्टर रे डालियो के साथ दिखाई दे रहे हैं। दोनों ने भारत में निवेश की संभावनाओं को बढ़ने को लेकर बातचीत की।
इस तस्वीर में PM मोदी लेखक और इंवेस्टर रे डालियो के साथ दिखाई दे रहे हैं। दोनों ने भारत में निवेश की संभावनाओं को बढ़ने को लेकर बातचीत की।
PM मोदी ने इकोनॉमिस्ट और नोबेल पुरस्कार विजेता, प्रोफेसर पॉल रोमर से भी मुलाकात की। दोनों ने टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने और शहरों के सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर चर्चा की।
PM मोदी ने इकोनॉमिस्ट और नोबेल पुरस्कार विजेता, प्रोफेसर पॉल रोमर से भी मुलाकात की। दोनों ने टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने और शहरों के सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर चर्चा की।

एयरपोर्ट पर रेड कार्पेट बिछाकर हुआ स्वागत
इससे पहले PM मोदी रात करीब 10 बजे न्यूयॉर्क पहुंचे। यहां जॉन एफ कैनेडी एयरपोर्ट पर रेड कार्पेट बिछाकर उनका स्वागत किया गया। अमेरिका के चीफ प्रोटोकॉल ऑफिसर रूफस गिफर्ड ने एयरपोर्ट पर PM मोदी को रिसीव किया। उनके अलावा UN में भारतीय राजदूत रुचिरा कंबोज और US में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू भी वहां मौजूद रहे।

अमेरिका पहुंचने के तुरंत बाद PM मोदी एयरपोर्ट पर मौजूद भारतीय मूल के लोगों से मिले। आज UN के योग दिवस के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद वो कल यानी 22 जून से अमेरिका के राजकीय मेहमान होंगे। अमेरिका ने 9 साल में पहली बार उन्हें ये सम्मान दिया है।

देखिए कैनेडी एयरपोर्ट से होटल लोटे तक PM मोदी के स्वागत की तस्वीरें…

अमेरिका के जॉन एफ कैनेडी एयरपोर्ट पर अमेरिका के चीफ प्रोटोकॉल ऑफिसर रूफस गिफर्ड ने PM मोदी का स्वागत किया।
अमेरिका के जॉन एफ कैनेडी एयरपोर्ट पर अमेरिका के चीफ प्रोटोकॉल ऑफिसर रूफस गिफर्ड ने PM मोदी का स्वागत किया।
लोटे न्यूयॉर्क पैलेस होटल के बाहर भारतीय मूल के लोगों का अभिनंदन स्वीकार करते हुए PM मोदी।
लोटे न्यूयॉर्क पैलेस होटल के बाहर भारतीय मूल के लोगों का अभिनंदन स्वीकार करते हुए PM मोदी।

सुरक्षा घेरे के बीच होटल के बाहर मौजूद लोगों से मिले PM
PM मोदी के न्यूयॉर्क पहुंचने से पहले ही उनके होटल लोटे न्यूयॉर्क पैलेस के बाहर भारतीय मूल के लोगों की भीड़ जमा थी। होटल में भी उनके स्वागत में सिख कम्युनिटी सहित कई भारतवंशियों ने भारत माता की जय के नारे लगाए। कड़ी सुरक्षा के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन लोगों से मुलाकात भी की। उन्होंने एक पोस्टर पर अपना ऑटोग्राफ भी दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न्यूयॉर्क के होटल में पहुंचे लोगों के लिए ऑटोग्राफ साइन करते हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न्यूयॉर्क के होटल में पहुंचे लोगों के लिए ऑटोग्राफ साइन करते हुए।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन्स (FIA) ने PM मोदी के स्वागत में हडसन नदी के ऊपर 250 फीट लंबा बैनर लहराया।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन्स (FIA) ने PM मोदी के स्वागत में हडसन नदी के ऊपर 250 फीट लंबा बैनर लहराया।

PM मोदी के इस दौरे की डिप्लोमैटिक और स्ट्रैटेजिक अहमियत
वित्त वर्ष 2022-2023 में भारत और अमेरिका के बीच बाइलेट्र्ल ट्रेड 128 बिलियन डॉलर पार कर चुका है। यानी इस अंतराल में भारत और अमेरिका ने 10 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का व्यापार किया।

अमेरिका उन कुछ देशों में से एक है जिनके साथ भारत का ट्रेड सरप्लस है। यानी भारत अमेरिका को ज्यादा सामान बेचता है और वहां से कम सामान खरीदता है। 2021-22 में, भारत का अमेरिका के साथ 32.8 अरब डॉलर का ट्रेड सरप्लस था। भारत इस ट्रेड सरपलस को बरकरार रखना चाहता है। इस लिहाज से PM की विजिट अहम है।

स्ट्रैटेजिक और डिप्लोमैटिक तौर पर भी ये यात्रा बेहद खास है। दरअसल, चीन के मुद्दे को लेकर भारत और अमेरिका की चिंता लगभग एक जैसी हैं। एक तरफ जहां LAC और हिंद महासागर में चीन की दखलंदाजी का भारत विरोध करता है।

वहीं, अमेरिका भी ताइवान और साउथ चाइना सी में चीन की घुसपैठ की कोशिशों का विरोध करता है। ऐसे में चीन से निपटने के लिए दोनों देशों को एक-दूसरे के साथ की जरूरत है। इसके अलावा PM के इस दौरे पर भारत को दुनिया का सबसे एडवांस्ड MQ-9 ड्रोन और फाइटर जेट के इंजन बनाने की 11 टेक्नोलॉजी अमेरिका से मिलने की संभावना है।