मायावती ने कहा, ‘विधानसभा चुनाव से ठीक पहले न्यूनतम आय गारंटी योजना की घोषणा करना जनहित में उठाया गया कदम कम और राजनीतिक स्वार्थ के लिए लिया गया फैसला ज्यादा प्रतीत होता है।’
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने जमकर निशाना साधा है। मायावती ने राजस्थान में कांग्रेस सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम आय गारंटी योजना पर सवाल उठाते हुए रविवार को दावा किया कि इससे गरीबों को तुरंत राहत मिलना मुश्किल है।
बसपा प्रमुख ने रविवार सुबह एक ट्वीट में कहा, ‘राजस्थान में कांग्रेस सरकार द्वारा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले न्यूनतम आय गारंटी योजना की घोषणा करना जनहित में उठाया गया कदम कम और राजनीतिक स्वार्थ के लिए लिया गया फैसला ज्यादा प्रतीत होता है। इससे गरीबों को तुरंत राहत मिलना मुश्किल है। बावजूद इसके केवल प्रचार के लिए भारी मात्रा में सरकारी धन खर्च करना क्या उचित है?’
मायावती ने ट्वीट में आगे कहा, ‘(अशोक) गहलोत सरकार अपने पूरे कार्यकाल में कुंभकर्ण की नींद सोती रही और आपसी राजनीतिक उठापटक में उलझी रही, वरना गरीबी, बेरोजगारी और पिछड़ेपन से जूझ रही राजस्थान की जनता के लिए जनहित एवं जनकल्याण से जुड़े कार्य काफी पहले ही शुरू कर देने चाहिए थे।’
राजस्थान विधानसभा ने राज्य के शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में साल में 125 दिन रोजगार और बुजुर्गों एवं दिव्यांगों को हर महीने न्यूनतम एक हजार रुपए की पेंशन की गारंटी देने वाला ‘राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक-2023’ शुक्रवार को पारित किया था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस विधेयक को ‘एक नए युग की शुरुआत’ करार देते हुए कहा था कि देश में पहली बार इस तरह की पहल की गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि न्यूनतम आय की गारंटी के अधिकार वाला राजस्थान पहला और अकेला राज्य बन रहा है।