भोपाल में अब आप मेट्रो जैसा एक्सपीरियंस पाने के लिए तैयार हो जाइए। शनिवार से आप मेट्रो के मॉडल कोच में बैठकर सुन सकेंगे, ‘मेट्रो स्टेशन पर आपका स्वागत है… अगला स्टेशन एम्स है… दरवाजे बाईं तरफ खुलेंगे… कृपया दरवाजों से हटकर खड़े हों।’
शनिवार सुबह CM शिवराज सिंह चौहान ने मेट्रो मॉडल कोच का उद्घाटन किया। मेट्रो मॉडल कोच स्माट सिटी पार्क में रखा गया है। उन्होंने कहा, ‘मेट्रो ट्रेन को सिर्फ भोपाल सिटी तक नहीं छोड़ेंगे। इसे मंडीदीप तक बढ़ाएंगे। बैरागढ़ होते हुए सीधे सीहोर तक ले जाएंगे। हम तेजी से काम कर आगे बढ़ रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘भोपाल और इंदौर को मेट्रो सिटी बनाने का हमारा सपना था। बीच में 15 महीने का ब्रेक आ गया। कमलनाथ जी की सरकार थी, तब काम नहीं हुआ। सरकार में लौटने पर कोविड के कठिन दौर के बाद भी हमने काम तेजी से शुरू किया। नतीजा आज आप सामने देख रहे हैं। सितंबर में हम भोपाल और इंदौर में मेट्रो का ट्रायल रन करेंगे। अप्रैल – मई तक दोनों शहर में मेट्रो चलने लगेंगी। इंदौर और भोपाल के मेट्रो प्रोजेक्ट पर 14 हजार करोड़ रुपए की लागत आई है।’
ऐसे तीन कोच से मिलकर बनती है मेट्रो ट्रेन
मेट्रो मॉडल कोच मेट्रो ट्रेन का ही वास्तविक मॉडल है। मेट्रो ट्रेन इस तरह के तीन कोच से मिलकर बनती है। हर कोच की लंबाई 22 मीटर और चौड़ाई 2.9 मीटर है। इस कोच की लागत करीब 5 करोड़ रुपए है।मॉडल कोच को बच्चों और लोगों के लिए खोला गया है।
मेट्रो मॉडल की खासियत
- ड्राइवर मोटर कार के 1:1 मॉक-अप/मॉडल की लंबाई लगभग 22 मीटर और चौड़ाई लगभग 2.9 मीटर है।
- ट्रेन ऑपरेटर व यात्री सीटें हैं।
- चार ऑटोमैटिक गेट है।
- कांच की खिड़कियां हैं।
- मॉडल के अंदर और बाहर आकर्षक पेंटिंग की गई है।
- पकड़ने के लिए ग्रैब हैंडल है।
- एलईडी पैनल, डिजिटल रूट मैप और साइनेज भी हैं।
- पूरा कोच एयर कंडिशनर है।
- ऑटोमैटिक हेडलाइट है।