गुना की महिला वकील के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। राजस्थान के 140 ग्रामीणों ने कैंट थाना पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। उनका कहना है कि वकील ने जमीन के पट्टे दिलाने के नाम पर सभी से 50-50 हजार रुपए लिए। ग्रामीणों को फर्जी किताबें भी बनाकर दीं। किसी ने मां-पत्नी के गहने गिरवी रखे, तो किसी ने पुश्तैनी जमीन गिरवी रखकर रुपए दिए। महिला वकील ने 1.30 करोड़ रुपए का फ्रॉड किया है। शिकायत के बाद महिला वकील फरार है।
पढ़िए, महिला वकील ने तीन साल तक कैसे ग्रामीणों को गुमराह कर ठगी को अंजाम दिया…
राजस्थान के बारां, छीपा बड़ौद के रहने वाले करीब 140 लोग रविवार को गुना के कैंट थाने पहुंचे। उन्होंने पुलिस को बताया कि साल 2020 में बमोरी क्षेत्र के रहने वाले गोरेलाल और काडू नाम के शख्स आए। उन्होंने कहा- गुना के बमोरी में 15-15 बीघा जमीन के पट्टे दिलवा देंगे। उसकी किताब भी मिल जाएगी। इसके लिए 50 हजार रुपए लगेंगे। गुना में पूजा शर्मा नाम की वकील हैं। वह पूरा काम करवा देंगी। इसके बाद ग्रामीण गुना आकर पूजा शर्मा से मिलने पहुंचे।
वकील पूजा शर्मा ने पीपलखेड़ी गांव में जमीन का पट्टा दिलाने का झांसा दिया। बातों में आकर 50-50 हजार रुपए पूजा शर्मा को दे दिए। कुछ ग्रामीणों ने अपने नाते-रिश्तेदारों को भी इसके बारे में बताया, तो वो भी पैसे देने के लिए तैयार हो गए। इस तरह करीब 140 लोगों ने रुपए दे दिए।
गोरेलाल और काडू खेती करते हैं। ये सब बॉर्डर के गांव के रहने वाले हैं। भील समाज के हैं। उनकी ग्रामीणों से रिश्तेदारी और पहचान है।
तीन-तीन पट्टे लेने के लिए दिए पैसे
ग्रामीणों ने बताया कि कुछ लोगों ने तीन-तीन पट्टे लेने के लिए रुपए दिए हैं। किसी ने 50 हजार, किसी ने एक लाख, तो किसी ने डेढ़ लाख रुपए तक दिए। दो-चार दिन बाद ही वकील ने किताब दे दी। इनमें बाकायदा खसरा नंबर, जमीन का क्षेत्रफल लिखा था। किताब में पटवारी, रेवेन्यू इंस्पेक्टर और तहसीलदार के सील और हस्ताक्षर भी थे। नीली और लाल स्याही से इन किताबों में भी जानकारी लिखी थी।
जमीन-गहने गिरवी रखकर दिए रुपए
ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने जमीन, गहने तक गिरवी रख दिए। ग्रामीण मलखान ने अपनी पत्नी के जेवर 2% ब्याज पर गिरवी रखे। नैनाराम ने दो बीघा जमीन गिरवी रख दी। इसी तरह, जुझार सिंह ने 3% की ब्याज पर जमीन गिरवी रख दी। उधम सिंह ने 2% ब्याज पर सोना गिरवी रखा। रामचरण ने तो दो बीघा पुश्तैनी जमीन ही बेच दी। उधम सिंह ने 30 हजार रुपए में भैंस बेच दी। चतरू ने अपनी मां के चांदी के गहने गिरवी रख दिए। प्रेमा ने सोने के पुश्तैनी गहने गिरवी रख दिए। इसी तरह अन्य लोगों ने भी जमीन या गहने गिरवी रखकर वकील को पैसे दिए।
फिर लगवाए गुना के चक्कर
ग्रामीणों ने बताया कि महिला वकील पूजा शर्मा ने 6 महीने तक इस बारे में किसी से बात नहीं करने के लिए कहा था। उसने 6 महीने में जमीन ऑनलाइन नाम करने की बात कही थी। फिर जमीन ऑनलाइन दर्ज करने के नाम पर फिर 7-7 हजार रुपए लिए गए। इसके बाद ग्रामीणों को हर दो-तीन महीने में बुलवाया जाता। बकायदा जिला कोर्ट में पेशी भी कराई जाती। वहां किसी कागज पर साइन करा लिए जाते। पूजा शर्मा हर पेशी पर 500-600 रुपए भी ले लेती। हालांकि, उसने किसी किसान को जज के सामने कभी पेश नहीं किया।
फर्जी पटवारी को भेजा जमीन दिखाने
जमीन नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने महिला वकील से कहा, तो हर बार बहाना बनाकर टाल देती थी। ग्रामीणों ने जब जोर देकर कहा, तो सोनू कुशवाहा नाम के शख्स को पटवारी बताकर जमीन की नपती करने भेज दिया। सोनू भी ग्रामीणों को जमीन दिखाकर लौट आया।
तीन साल में भी नहीं मिली जमीन
करीब तीन साल बाद भी आज तक ग्रामीणों को जमीन नहीं मिली। इसके बाद उन्हें धोखाधड़ी का अहसास हुआ। रविवार को इकट्ठे होकर सभी थाने पहुंचे। ग्रामीणों ने पुलिस को महिला वकील द्वारा दी गई किताब भी दिखाई। इन किताबों की भी जांच कराई जाएगी।
कैंट थाना प्रभारी TI संजीत मावई ने बताया कि राजस्थान के कुछ ग्रामीणों के साथ जमीन के फ्रॉड का मामला सामने आया है। महिला वकील के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच की जा रही है। फर्जी सील और साइन पर 420 का केस बनता है।